न्यूज़- कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले के बाद रेलवे ने भी बड़ा ऐलान किया है। भारतीय रेलवे ने अपनी सारी पैसेंजर सेवाओं का निलंबन भी तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया है। यानि 3 मई तक अब यात्रियों के टिकटों की कोई बुकिंग नहीं होगी और जिन यात्रियों का टिकट 15 अप्रैल से 3 मई तक के लिए बुक है, उन सबके टिकट के पैसे रेलवे यात्रियों को रिफंड करेगा। बता दें कि रेलवे इस समय भले ही यात्री सेवाओं को निलंबित किए हुए है, लेकिन वह अनेकों तरीके से कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में देश का सहयोग कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ाए जाने के ऐलान के साथ ही भारतीय रेलवे ने भी सारी पैसेंजर सेवाओं का निलंबन भी 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल तक के लिए सारी यात्री सेवाएं स्थगित कर रखी थी। लेकिन, उसने 15 अप्रैल से निर्धारित समय-सारणी के मुताबिक टिकट की बुकिंग जारी रखी थी। पीएम मोदी के ऐलान के बाद रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है,"भारतीय रेलवे की सभी यात्री ट्रेन सेवाएं, मेल एक्सप्रेस ट्रेनों, पैसेंजर ट्रेनों, उपनगरीय ट्रेनों, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे आदि 3 मई की रात 12 बजे तक पहले की तरह निलंबित रहेंगी।" मतलब, 3 मई तक देश भर में कोई भी यात्री ट्रेन नहीं चलेगी और जिन यात्रियों ने इस दौरान किसी भी ट्रेन में अपनी टिकट बुक करा रखा है, रेलवे उन सभी यात्रियों के टिकट के पैसे पूरे के पूरे वापस करेगा यानि कोई भी कैंसिलेशन चार्ज नहीं लगेगा।
जिन यात्रियों ने 3 मई तक किसी ट्रेन में आईआरसीटीसी के जरिए ई-टिकट बुक करा रखे हैं, उन्हें अपना टिकट कैंसिल करने की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी और उनके खातों में टिकट के पैसे खुद व खुद रिफंड कर दिए जाएंगे। हालांकि, जिन यात्रियों के पास पीआरएस के तहत काउंटर टिकट है, उनसे कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान टिकट वापसी के लिए रेलवे स्टेशन या रिजर्वेशन काउंटर पर जाने की जल्दीबाजी न करें। इस मकसद से रेलवे ने टिकट कैंसिल करने की समय-सीमा बढ़ा रखी है और उसे लॉकडाउन के बाद रद्द किया जा सकता है। इसलिए यात्रियों को लॉकडाउन में टिकट कैंसिलेशन की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है और उनके पैसे बाद भी वापस हो जाएंगे।
बहरहाल, भारतीय रेलवे आवश्यक चीजों की सप्लाई बरकरार रखने के लिए माल और पार्सल ट्रेनों का परिचालन पहले की तरह जारी रखेगा। अब तो ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियां जैसे कि फ्लिपकार्ट और इंडिया पोस्ट भी अपने सामान भेजने के लिए पार्सल ट्रेनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। नेशनल ट्रांसपोर्टर इस वक्त रेलवे के 58 रूटों पर 109 पार्सल ट्रेनों का संचालन कर रहा है।
यही नहीं कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारतीय रेलवे अपने उत्पादन यूनिट के सदुपयोग में भी जुटा है। मसलन, इसके प्रोडक्शन यूनिट के वर्कशॉप में वेंटिलेटर, कॉन्टैक्लेस डॉक्टर चेक-अप बूथ, मास्क, सैनिटाइजर और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट भी बनाए जा रहे हैं।
रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोनों से कहा है कि वह अपने पुराने रेलवे कोचों को कोरोना वायरस मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड के रूप में तब्दील करें। इस योजना के मुताबिक 20,000 रेलवे कोच को आइसोलेशन कोच में बदलना है, जिसमें 3,00,000 बेड कोविड-19 मरीजों या क्वारंटीन फैसिलिटी के लिए इस्तेमाल हो सकेंगे। पहले चरण में 5,000 कोच पहले ही बदले जा चुके हैं। इसका मकसद कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश को मोबाइल हॉस्पिटल की सुविधा उपलब्ध कराना है, जिसे दूर-दराज के इलाकों में भी आसानी से पहुंचाया जा सके। इन कोचों में डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे मेडिकल स्टाफ के लिए भी अलग से इंतजाम किए गए हैं।