डेस्क न्यूज़- पिछले साल सितंबर के महीने में संसद से पास तीन नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास किसानों का प्रदर्शन पिछले करीब छह महीने से भी ज्यादा वक्त से चला आ रहा है, सरकार की तरफ से काफी मान-मनौव्वल के बावजूद ये लोग अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, इधर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह उम्मीद जताई है कि 2024 से पहले भारत सरकार मान जाएगी और इन तीनों कानूनों को वापस ले लिया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि 2022 में इसका क्या असर होगा, यह तो जनता ही बताएगी कि चुनाव कब आएंगे, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का पैसा बकाया है, टिकैत ने कहा- मेरे हिसाब से कोरोना बड़ा है लेकिन सरकार के हिसाब से कानून बड़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जनता सरकार को अपना जवाब देगी, उन्होंने कहा कि गुजरात में किसी पार्टी की सरकार नहीं है, वहां पर पुलिस की सरकार है, इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी पुलिस की सरकार होगी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने सवाल पूछते हुए कहा कि अभी आंदोलन चलेगा, अगर हम फर्जी किसान हैं तो सही किसान कौन है? उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का यूपी में हुए चुनाव पर बड़ा असर हो रहा है, गौरतलब है कि अगले साल यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में राकेश टिकैत का इशारा इन्हीं राज्यों की ओर है।