न्यूज़- कोरोना वायरस के कारण 3 मई तक देश में लॉकडाउन है। लॉकडाउन के कारण ट्रेन सेवा बाधित है, जिसकी वजह से रेलवे को बड़ी नुकसान हो रहा है। रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जिसका असर अब रेलवे के कर्मचारियों पर भी पड़ने की आशंका दिख रही है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण रेलवे को हुए नुकसान की भरपाई के लिए रेल मंत्रालय 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती करने की योजना बना रहा है।
लॉकडाउन की वजह से रेल सेवाएं बाधित है। रेलवे को इस लॉकडाउन की वजह से बहुत नुकसान हो रहा है। ऐसे में इन घाटे का असर रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों की सैलरी और भत्ते पर भी पड़ने की आशंका है। हिन्दुस्तान टाइम्स की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों की सैलरी और भत्ते में कटौती की जा सकती है। रेलवे कर्मचारियों के टीए, डीए समेत ओवरटाइम ड्यूटी के भत्तों को खत्म किया जा सकता है। ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएगा।
रेलवे अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर सकता है। रेलवे कर्मचारियों कोओवरटाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50 फीसदी कटौती हो सकती है। ये कटौती अगले 6 महीनों तक जारी रह सकती है। सूत्रों की माने तो रेल कर्मियों की सैलरी और भत्ते में अगले 6 महीनों तक 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती की जा सकती है। वहीं मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ते में 1 साल तक 50 फीसदी तक कटौती की जा सकती है। इसके अलावा कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट भत्ता 100 फीसदी कटा जा सकता है।
इतना ही नहीं नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे कॉस्ट कटिंग की कोशिश कर रहा है। इसके लिए रेलवे के कर्मचारियों को बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाले भत्ते में भी कटौती की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्रालय ने मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर और गार्ड को 500 किलोमीटर पर मिलने वाले 530 रुपए भत्ते में 50 फीसदी कटौती का सुझाव दिया है। आपको बता दें कि रेलवे ने कोरोना संकट के कारण सरकार की मदद के लिए रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए 5,000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है। रेलवे मंत्रालय ने कहा कि महामारी का मुकाबला करने के लिए 20,000 कोचों को परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है।