डेस्क न्यूज़ – राज्य सरकारें लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए अपने स्तर पर पहल कर रही हैं। केंद्र सरकार ने तीसरे तालाबंदी शुरू होने से पहले प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों को घर लौटने की छूट दी थी। केंद्र ने कार्यकर्ताओं को यात्रा का बोझ नहीं उठाने की छूट दी है, जबकि कांग्रेस ने भी पार्टी से हर कार्यकर्ता की यात्रा का खर्च वहन करने की घोषणा की है। इस बीच, निजी बसों द्वारा बिहार पहुंचने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, सरकार निजी बसों से आने–जाने वाले लोगों के खर्च का भुगतान करने को तैयार नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि एक निजी बस से और बिहार लौटने पर अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों या छात्रों को कोई छूट नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें कि बिहार में भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग घर लौट रहे हैं। इस कड़ी में बुधवार को 28 हजार लोग लौटे, जबकि गुरुवार को यह आंकड़ा 25 हजार लोगों का था। माना जा रहा है कि शुक्रवार को 19 हजार से ज्यादा लोग बिहार पहुंच रहे हैं। सरकार ने ट्रेनों द्वारा आने वाले लोगों के लिए संगरोध केंद्रों तक पहुँचने के लिए मुफ्त व्यवस्था की है।
परिवहन विभाग ने ये बात कही
ट्रेनों के अलावा, लोग बिहार में निजी बसों के माध्यम से भी लौट रहे हैं। इस बीच, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल की ओर से कहा गया है कि निजी बसों की बुकिंग करके अन्य राज्यों से बिहार लौटने वाले लोगों को किराया देने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सरकार ने बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाले लोगों को विशेष ट्रेन द्वारा उनके जिले तक पहुंचाने के लिए बसों की मुफ्त व्यवस्था की है। इसके अलावा, जिला मुख्यालय से ब्लॉक स्तर के शिविर तक भी एक प्रणाली मुफ्त की गई है।
यूपी, बिहार में बड़ी संख्या में लौट रहे लोग
देश के विभिन्न राज्यों में मजदूरों, श्रमिकों के अलावा बड़ी संख्या में छात्र भी फंसे हुए हैं। ये सभी लोग घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार लौट रहे हैं। विशेष रूप से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर, श्रमिक इन राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं।