डेस्क न्यूज़ – तालाबंदी से जूझ रहे माता–पिता के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार की अपील पर विचार करते हुए, देश के अधिकांश स्कूलों ने कहा है कि वे तीन महीने तक एक साथ स्कूल शुल्क नहीं लेंगे। साथ ही कुछ स्कूलों ने कहा है कि वे स्कूल फीस नहीं बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। यह जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, मौजूदा मुश्किल स्थिति को देखते हुए, निजी स्कूलों से फीस में वृद्धि नहीं करने की अपील की। खुशी है कि हर राज्य के शिक्षा विभाग माता–पिता और स्कूलों के हितों की रक्षा के लिए लगन से काम कर रहे हैं। फीस का मामला राज्य सरकार को देखना है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि स्कूलों के लिए अपने सभी कर्मचारियों को वेतन देना अनिवार्य है, जिसमें अनुबंध कर्मचारी भी शामिल हैं। यदि उनके पास धन की कमी है, तो वे अपने मूल संगठन से धन की मांग कर सकते हैं।
निशंक के मुताबिक, छात्रों और साथ ही शिक्षकों को लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, C-IET और NCERT के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए 7 अप्रैल से 1 महीने का वेबिनार शुरू किया गया है।
इस बीच, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की समिति ने सिफारिश की है कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर जुलाई के बजाय सितंबर से शुरू होना चाहिए। यूजीसी ने अकादमिक सत्र पर सुझाव देने के लिए इस समिति का गठन किया। समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, अब यूजीसी को अगले सप्ताह तक सिफारिशों पर फैसला करना है।