न्यूज़- कोरोना वायरस के कारण हजारों लोगों ने देशव्यापी तालाबंदी में नौकरियों को खो दिया है, वहीं हर दिन काम करके पैसा कमाने वाले लोग इस दौरान घरों में बैठे हुए हैं। ऐसे में, महाराष्ट्र सरकार ने इस नए सत्र में महाराष्ट्र के स्कूलों में फीस में कोई वृद्धि नहीं करने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के लिए शुल्क में वृद्धि नहीं करने के निर्देश के साथ स्कूलों को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने महाराष्ट्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों से किसी भी अभिभावक को शैक्षणिक वर्ष 2019-2020 और 2020-2021 के लिए शेष शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करने को कहा है।
आदेश जारी करते हुए, महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने कहा, "इस शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए स्कूल शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। माता-पिता को शैक्षणिक वर्ष 2019-20 की शेष फीस और 2020-21 के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।" उन्हें मासिक / त्रैमासिक भुगतान विकल्प दिए जाने चाहिए। इससे पहले 14 अप्रैल को, कई स्कूलों ने फीस में बढ़ोतरी की घोषणा की है। अभिभावकों ने एचआरडी मंत्रालय को एक ऑनलाइन याचिका दाखिल की थी, जिसमें स्कूलों के लिए निर्देश जारी करने के लिए कहा था कि वे इस शैक्षणिक सत्र में कम से कम स्कूलों को फिर से खोलने तक फीस वृद्धि लागू न करें। इससे पहले, गुजरात सरकार ने घोषणा की कि निजी स्कूल एक साल के लिए फीस में वृद्धि नहीं करेंगे, साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों से फीस वृद्धि ने करने की अपील की थी।
बता दें वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी बोर्ड के स्कूलों में नए सत्र में छात्रों का एडमीशन व्हाट्सअप पर करने का आदेश दिया हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के शिक्षा विभाग ने अनुमति भी दे दिया है। इससे पहले यूपी में माध्यमिक शिक्षा विभाग कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11वीं के छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने का निर्देश दिया गया थाइसके लिए स्कूल प्रबंधन प्रधानाचार्य और शिक्षक के मोबाइल नंबर का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं जिससे पिछली कक्षा में पास हुए छात्र अगली कक्षा में दाखिले के आवेदन कर सकते हैं। छात्र या उनके अभिभावक व्हाट्सएप पर ही ब्यौरा दे सकते हैं और प्रोविजनल के तौर पर दाखिला ले सकते हैं।