अपराध

जड़ों में कटाव से 200 साल पुराना बरगद का पेड़ गिरा, एक राहगीर की मौत, 3 कारें और चाय की थड़ी भी दबी

राजधानी जयपुर में सोमवार शाम 6 बजे आई तेज बारिश के कारण चौड़ा रास्ता पर स्थित गोलचा सिनेमाघर के पास जमीन से दो सौ साल पुराना बरगद उखड़ गया. हादसे में रावण गेट कालवाड़ रोड निवासी बन्ने सिंह राठौड़ (50) की पेड़ के नीचे दबने से मौत हो गई, जबकि 3 कारें कुचल जाने से क्षतिग्रस्त हो गईं और चाय की एक थड़ी भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई

Manish meena

राजधानी जयपुर में सोमवार शाम 6 बजे आई तेज बारिश के कारण चौड़ा रास्ता पर स्थित गोलचा सिनेमाघर के पास जमीन से दो सौ साल पुराना बरगद उखड़ गया. हादसे में रावण गेट कालवाड़ रोड निवासी बन्ने सिंह राठौड़ (50) की पेड़ के नीचे दबने से मौत हो गई, जबकि 3 कारें कुचल जाने से क्षतिग्रस्त हो गईं और चाय की एक थड़ी भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई।

हादसे में रावण गेट कालवाड़ रोड निवासी बन्ने सिंह राठौड़ (50) की पेड़ के नीचे दबने से मौत हो गई

बताया जा रहा है कि यहां स्मार्ट सिटी के तहत नाले का काम किया

जा रहा था. इसके लिए खोदे गए गड्ढे में पानी भरने से वहां खड़े 200

साल पुराने बरगद के पेड़ की जड़ों में कटाव हो गया। इससे पेड़ गिर

गया और बन्ने सिंह नीचे दब गये।

स्मार्ट सिटी के तहत खोदे गए गड्ढे में पानी भरने से वहां खड़े 200 साल पुराने बरगद के पेड़ की जड़ों में कटाव हो गया

घटना की सूचना पर पुलिस, निगम व एसडीआरएफ की टीम पहुंची,

एक घंटे की मशक्कत के बाद बन्ने सिंह को घायल अवस्था में बाहर लाया गया,

जिसे अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

बन्ने सिंह पार्सल लिफ्टिंग का काम करता था और काम से घर लौट रहा था।

इस दौरान कई वाहन वहां क्रॉसिंग के लिए खड़े रहे और अचानक तेज

बारिश के कारण राहगीर व दोपहिया वाहन चालक पेड़ के नीचे आकर रुक गए.

मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना स्मार्ट सिटी कंपनी वन निगम के अधिकारियों को दी।

10 दिन से खुदा था गड्ढा

स्थानीय व्यवसायी विक्की चेलानी ने बताया कि नाला डालने का काम स्मार्ट सिटी द्वारा किया जा रहा था, गड्ढा खोदे 10 दिन हो चुके थे और ठेकेदार ने काम की गति धीमी रखी, जिससे बारिश के कारण पानी बढ़ गया और पानी पेड़ की जड़ों तक पहुंच गया। लगातार बहने के कारण पेड़ कमजोर हो गया, जो हादसे का कारण बना।

घटना के डेढ़ घंटे बाद सिविल डिफेंस की टीम वहां पहुंची और करीब 3 क्रेन की मदद से पेड़ को हटाने का प्रयास किया, लेकिन पेड़ बहुत बड़ा था, जब पेड़ को नहीं हटाया जा सका, तो मजदूरों की मदद से पेड़ को 5 से 6 जगह कटवाया गया। यह काम देर रात तक पेड़ को हटाने का काम चल रहा था।

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