उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब से अब तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। शासन की तरफ से आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद को हटा दिया गया। इसके साथ ही शासन ने संयुक्त आबकारी आयुक्त, आगरा जोन रवि शंकर पाठक और उप आबकारी आयुक्त अलीगढ़ मंडल ओपी सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने कहा कि आबकारी अधिकारियों को जेल
भेजना चाहिए। ये लोग इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।
गौतम ने कहा कि प्रशासन अपनी गर्दन बचाने के लिए, व्यापारियों पर गलत
कार्रवाई कर रहा है। ऐसा वे किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।
सांसद सतीश गौतम ने सीएम योगी से मांग की है कि इस मामले में तुरंत DM पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सांसद ने पूछा कि इस जहरीली शराब कांड में क्या DM जिम्मेदार नहीं हैं? DM की नाक के नीचे यह सब भ्रष्टाचार हुआ है, क्या DM की जिम्मेदारी नहीं है? आबकारी विभाग पूरा मिला हुआ है इसमें, क्यों नहीं इस पर कार्रवाई की जा रही है? सस्पेंड होकर आबकारी अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं, क्यों नहीं उन्हें जेल भेजा जा रहा?
संयुक्त आबकारी आयुक्त, आगरा जोन रवि शंकर की जगह अब धीरज सिंह को आगरा जोन का प्रभार दिया गया है। इसी तरह उप आबकारी आयुक्त अलीगढ़ मंडल ओपी सिंह की जगह विजय कुमार मिश्र को उप आबकारी आयुक्त अलीगढ़ मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक राजेश यादव, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, निरीक्षक चंद्रप्रकाश यादव, इंस्पेक्टर लोधा अभय कुमार शर्मा और सिपाही रामराज राना को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
इस पूरे मामले में अब तक DM चंद्रभूषण सिंह, SSP कलानिधि नैथानी और आबकारी के नोडल अधिकारी एडीएम फाइनेंस विधान जायसवाल को लगातार सरकार बचाने में जुटी हुई है। बताया जाता है कि DM चंद्रभूषण सिंह मुख्यमंत्री और SSP देश के एक बड़े प्रशासनिक अफसर के करीबी हैं। यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जहरीली शराब का कहर अब अलीगढ़ के शहरी क्षेत्र तक पहुंच गया है। रविवार को शहरी इलाकों में 6 लोगों की मौत हुई। यहां क्वारसी क्षेत्र में जहां 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, महुआ खेड़ा थाना क्षेत्र के धनीपुर में शराब के सेवन से 3 लोगों की मौत हो गई। धनीपुर में आधा दर्जन लोग जहरीली शराब के सेवन से गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाए गए हैं। अभी तक अलीगढ़ के देहात के थाना क्षेत्रों लोधा, खैर, टप्पल, जवां, पिसावा में शराब से मौत की सूचना मिल रही थी। जहरीली शराब पीने से अब तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, प्रशासन मौत के आंकड़े छिपाने में लगा हुआ है।
अलीगढ़ में गुरुवार 27 मई की देर रात लोधा के करसुआ, खैर के अंडला और जवां के छेरत में लोगों ने अलग-अलग ठेकों से देसी शराब खरीदी थी। शराब पीने के बाद रात में मौतें होने लगी। शुक्रवार रात तक 27 लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने देसी शराब के ठेके बंद कर दिए, इसके बावजूद चोरी से शराब बिकी। पिसावा के शादीपुर और जट्टारी में लोगों ने शराब खरीदी।
इन सभी ने रात में शराब पी, जिससे शनिवार सुबह शादीपुर में 6 लोगों की मौत हो गई। इन सभी के परिजन ने 4 शवों का बिना पोस्टमॉर्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया। इसके अलावा लोधा में 11, खैर में 2, जवां में 2, टप्पल में 4, गभाना में 3 और पिसावा में 2 मौतें हुई हैं। इसके अलावा भी कई गांवों में शराब पीने वालों की मौत हो चुकी है।