अपराध

गाजियाबाद मामला – मुझ पर हमला करने वालों में कोई मुसलमान नहीं था, सभी गुर्जर युवक थे, पानी माँगा तो पेशाब पिलाया

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़-  गाजियाबाद मामला – उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अनूपशहर कस्बे का यह घर मीडिया की गाड़ियों से घिरा हुआ है, अब्दुल समद सैफी अपने बेटे के साथ कमरे में आते हैं, उनके चेहरे पर सूजन है, समद जैसे ही कमरे में दाखिल होते हैं, पत्रकार उन पर सवाल खड़े कर देते हैं, समद हाथ में तस्बीह (अल्लाह के नाम की माला) घुमाते हुए धीमी आवाज में जवाब देते रहते हैं।

5 जून को 72 वर्षीय समद सैफी पर हमला किया गया था

गाजियाबाद के लोनी इलाके में 5 जून को 72 वर्षीय समद सैफी पर हमला किया गया था, इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें कुछ युवक दाढ़ी काटते नजर आ रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

इस घटना को लेकर अब विवाद इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्विटर पर आमने-सामने आ गए, गाजियाबाद पुलिस ने इसी मामले को लेकर ट्विटर, कांग्रेस प्रवक्ताओं और कई पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आरोपी, पीड़ित पक्ष और पुलिस सभी के अलग-अलग रूप हैं

घटना को 12 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, मामला तूल पकड़ रहा है, लेकिन इस मामले में सच्चाई क्या है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, आरोपी, पीड़ित पक्ष और पुलिस सभी के अलग-अलग रूप हैं, पूरे मामले की जांच के लिए एक अखबार की टीम पीड़ित अब्दुल समद के गांव पहुंची, जांच अधिकारी व मोहल्ले के लोगों से बातचीत की, इस बातचीत के दौरान यह भी पता चला कि ताबीज बनाने को लेकर मुस्लिम बुजुर्गों पर हमलावरों और आरोपितों के बीच मारपीट भी हुई थी।

घटना के बारे में क्या कहते हैं समद सैफी और उनका परिवार?

दैनिक भास्कर की टीम अनूपशहर में समद सैफी के घर पहुंचती है, उनकी बुजुर्ग पत्नी कैमरा देखकर मुंह मोड़ लेती हैं, वह हाथ जोड़कर कहती हैं कि 'जब उनके पति को इतनी बुरी तरह पीटा गया तो कोई मदद के लिए नहीं आया, सरकार की तरफ से किसी ने परिवार की सुध नहीं ली, उनकी देखभाल के लिए उनके घर कोई नहीं आया है, अब इतने लोग क्यों आ रहे हैं?

चेहरे को कपड़े से ढँककर एक अनजान जगह पर ले

काफी मशक्कत के बाद समद की बात हो रही है, उनका कहना है कि 'गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक रिश्तेदार के घर जा रहा था, तभी कुछ अज्ञात युवकों ने ऑटो में मेरा अपहरण कर लिया, मेरे चेहरे को कपड़े से ढँककर एक अनजान जगह पर ले गए और मुझे तीन घंटे तक प्रताड़ित किया।

समद कहते हैं, मैं रहम की गुहार लगाता रहा, वो मुझे मारते रहे, मैंने उन्हें अल्लाह का वचन दिया और कहा कि अगर तुम मेरी जान भी ले लो, तो मेरी दाढ़ी मत काटो, लेकिन वे नहीं माने, उन्होंने मेरी दाढ़ी काट दी जो 40 साल से बढ़ रही है, समद कहते हैं, मुझ पर हमला करने वालों में कोई मुसलमान नहीं था, सभी गुर्जर युवक थे, उन्होंने मुझसे जय श्री राम का जाप करवाया, पीने के लिए पानी मांगा तो पेशाब पिलाया, मेरे कान पर पिस्तौल तान दी, दो बार फायरिंग की लेकिन चूक गए।

उम्मेद पहलवान समद को मीडिया के सामने लाया

समद आगे बताते हैं, वह मुझे छोड़कर चले गए, इसलिए मैं अगले दिन थाने चला गया, वहां मेरी शिकायत सुनकर दो हजार रुपए लौटा दिए, तभी किसी ने मेरा परिचय सपा नेता उम्मेद पहलवान से कराया, उसने मेरी मदद की, वह एक स्वर्गदूत की तरह हमारे पास आया, उम्मेद पहलवान ही थे जिन्होंने समद को मीडिया के सामने लाया।

समद के बेटे तैयब सैफी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. कहते हैं, 'मेरे पिता को मारने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा 307 का जिक्र नहीं किया। हमले में शामिल सभी लड़कों की गिरफ्तारी होनी बाकी है. जबकि सभी के पास वीडियो हैं।

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