इजरायल और फलस्तीन के बीच 11 दिन तक चले संघर्ष के बाद सीजफायर हो गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर भी ये मुद्दा छाया रहा। कहीं से इजरायल का समर्थन हुआ तो किसी ने फलस्तीन के पक्ष में आवाज उठाई। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने आजमगढ़ के एक मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार किया है। मौलवी पर आरोप है कि शुक्रवार की नमाज के बाद उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से घरों और वाहनों पर फलस्तीन का झंडा लगाने की अपील की थी।
मौलाना यासिर अख्तर को गुरुवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (सार्वजनिक
शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया।
आजमगढ़ के एसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा, 'हमें खबर मिली कि सरायमीर क्षेत्र के
उत्तरी चुरिहार कस्बा निवासी यासिर ने अपने फेसबुक पेज, आजमगढ़ एक्सप्रेस पर
शुक्रवार की नमाज के बाद अपने घरों और वाहनों के ऊपर फलस्तीनी झंडे प्रदर्शित करने
और समुदाय के सदस्यों से झंडे लगाने की अपील की।'
एसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया, 'उसके खिलाफ सरायमीर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उसे निगरानी सेल की मदद से गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई चल रही है।'
इजरायल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच सीजफायर लागू हो गया है। इस संघर्ष विराम के ऐलान के बाद गाजा पट्टी में शांति है और लोग जश्न मना रहे हैं। 11 दिनों तक चले भीषण संघर्ष में 232 फलस्तीनी लोगों की मौत हो गई है और 12 इजरायली भी मारे गए हैं। बीमारी का खात्मा होने तक हमले जारी रखने का ऐलान करने वाले इजरायल की ओर से संघर्ष विराम का एकतरफा ऐलान किया गया।
बताया जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दशक में यह सबसे भीषण संघर्ष था। इस दौरान हमास की ओर से जहां 4 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए वहीं इजरायल ने भी गाजा में मिसाइलों और बमों की बारिश से शहर के काफी हिस्सों को खंडहर में तब्दील कर दिया। इस भीषण संघर्ष के बाद जब सीजफायर का ऐलान हुआ तो गाजा के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोग सड़कों पर उतर आए और खुशी मनाने लगे।