उत्तराखंड के चमोली में माउंट त्रिशूल पर्वत पर एवलॉन्च की चपेट में आकर 10 सदस्यीय दल में से चार पर्वतारोहियों की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेक्स्यू टीम को शनिवार दोपहर त्रिशूल पर्वत के आसपास कुछ पर्वतारोही बर्फ में दबे दिखे थे। रेस्क्यू टीम को चार पर्वतारोहियों के शव मिले थे। शनिवार सुबह शवों को हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया।
उत्तराखंड के चमोली में माउंट त्रिशूल पर्वत पर एवलॉन्च की चपेट में आकर 10 सदस्यीय दल में से चार पर्वतारोहियों की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेक्स्यू टीम को शनिवार दोपहर त्रिशूल पर्वत के आसपास कुछ पर्वतारोही बर्फ में दबे दिखे थे। रेस्क्यू टीम को चार पर्वतारोहियों के शव मिले थे। शनिवार सुबह शवों को हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया।
वहीं, इस घटना पर रक्षा मंत्री ने दुख जताया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि त्रिशूल पर्वत पर भारतीय नौसेना के पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा रहे चार नौसेना कर्मियों की दुखद मौत से गहरा दुख हुआ. इस त्रासदी में राष्ट्र ने न केवल अनमोल युवा बल्कि साहसी सैनिकों को भी खोया है।
मालूम हो कि चमोली के सुतोल गांव से होते हुए त्रिशूल पर्वत फतह करने गए जवानों के साथ ग्लेशियर खिसकने से एक अक्टूबर की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया था | लापता एक जवान और पोर्टर की तलाश जारी है
वहीं, अभियान में 13 वर्षीय काम्या और उनके पिता के साथ अन्य सभी लोग सुरक्षित हैं, वे वापस सुतोल पहुंच चुके हैं. साथ ही सुतोल गांव के दो पोर्टर भी इस अभियान से सुरक्षित वापस लौट आये हैं |