अगर आपका बच्चा दिन रात फोन में लगा रहता है तो ये खबर आपको पढ़नी जरुरी है। फोन की लत के पीछे अगर वजह गेम खेलना है तो सावधान हो जाइये। क्योकि राजस्थान के नागौर से ऐसी दिल दहला देने वाली खबर आयी है जहाँ एक चचेरे भाई ने अपने ही भाई को गेम के चक्कर में हुई उधारी को चुकाने के लिए भाई की हत्या कर उसके किडनैपिंग का झांसा देकर बच्चे के चाचा से 5 लाख की फिरौती मांगता रहा । क्या है पूरा मामला पढ़िए विस्तार से
पुलिस के अनुसार नाबालिग आरोपी न सिर्फ भाई की हत्या किया बल्कि मृत भाई के फोन से सिम भी निकल कर फेक दिया ताकि सुराग न मिले। अपने बड़े भाई के फोन को चोरी कर पुलिस के पोर्टल पर ऑनलाइन फोन चोरी की रिपोर्ट लिखवाई और फिर उसी फोन से वाई फाई के जरिये मृत भाई के फोन से इंटरनेट चलाया। फेक आईडी बनाकर असम में रह रहे चाचा से कई दिनों तक फिरौती के लिए मोल भाव करता रहा।
सबूत के लिए फोन कवर और चप्पल की फोटो भेजी
असम में रह रहे चाचा ने फिरौती की पूरी जानकारी पुलिस को दी । लाडनू के पुलिस अधिकारी राजेंद्र कमांडो ने बताया कि हमने किडनैपर को चैटिंग में उलझाए रखने और रैनसम मणि देने से पहले मासूम के कब्जे में होने का सबूत मांगने को कहा। जब पुलिस के कहे अनुसार बच्चे के चाचा ने किडनैपर से सबूत मांगे तो उसने बच्चे के चप्पल और फोन के कवर की फोटो खींच कर भेजी।
बच्चे के जिन्दा होने का सबूत माँगा तो जमीन से लाश निकल कर भेजी फोटो
पुलिस के अनुसार जब चप्पल और फोन कवर की फोटो चाचा को आरोपी ने भेजी तो उन्होंने बच्चे के चेहरे की फोटो भेजने को कहा। अगले दिन नाबालिग आरोपी जमीन में गाड़ी लाश को खोद कर निकाला और चेहरे को साफ़ कर के फोटो खींच कर भेजी। इसके बाद पुलिस और चाचा को इतना तो यकीन हो गया की बच्चा आरोपी के कब्जे में ही है। पकड़े जाने से पहले आरोपी ने बच्चे के चाचा को फिरौती के रकम में एक लाख की छूट भी दी।
बाबा - मुल्ले जब बच्चे का पता बताने का दावा करते तो वह मन ही मन हंसता
नाबालिग आरोपी ने पुलिस को पूंछताछ में बताया की बच्चे के गायब होने के बाद उसके परिवार वाले उसे तलाशने के चक्कर में कई बाबा - और मुल्लों के पास भी पहुंचे। सब प्रवीण के लोकेशन को लेकर तरह तरह के दावे करते तो वो मन ही मन हंसता था। शुरू शुरू में तो उसे डर लगा कि कहीं उंगली उसके तरफ ही न उठ जाये , लेकिन जब मुल्ले बाबाओं ने झूठे दावे किये और बच्चे कि लोकेशन तक नहीं बता सके तो आरोपी का डर खत्म हो गया।
पुलिस ने साइबर तंत्र का इस्तेमाल कर जाँच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगी जा रही थी उसका आईपी एड्रेस मृत मासूम प्रवीण के गायब हुए फोन का था। लोकेशन बच्चे के गांव की ही मिली। फोन में इंटरनेट दूसरे मोबाइल के हॉटस्पॉट से चलाया जा रहा था। मामले की गहन जाँच करने पर पुलिस का शक मासूम के चचेरे भाई पर गहराया। जब पुलिस ने कड़ाई से पूंछताछ की तो नाबालिग आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया।