अपराध

गोहत्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्रांतिकारी कदम

Ranveer tanwar

उत्तर प्रदेश सरकार ने गोहत्या कानून को और प्रभावी बना दिया है। इसमें सजा बढ़ाने के साथ-साथ गाय को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान भी किया गया है। गौरतलब है की कुछ दिनों पहले एक गाय के मुँह में पठाके या बारूद जैसी चीज दी गयी थी जिससे गाय का जबड़ा फट कर लहू लुहान हो गया था। तब से उप. सरकार गोहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और 1.गाय को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने पर 7 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा, गोकशी और गोतस्करी से जुड़े अपराधियों की तस्वीरें भी सार्वजनिक रूप से चिपकाई जाएंगी। योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में देर रात कैबिनेट की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के मसौदे को भी मंजूरी दी गई।

आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, विधानमंडल सत्र की अनुपस्थिति को देखते हुए अध्यादेश पारित करने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य गोहत्या अधिनियम 1955 को अधिक प्रभावी और मजबूत बनाना, गाय वंश की रक्षा करना और गौ हत्या की घटनाओं को पूरी तरह से रोकना है।

कानून में इस प्रावधान को धारा -5 बी के रूप में शामिल किया जाएगा और न्यूनतम एक वर्ष के सश्रम कारावास का प्रावधान होगा, जिसमें सात साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना न्यूनतम एक लाख रुपए होगा, जो की तीन लाख रुपये तक हो सकता है।

वही आपको बता दे की :

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अवस्थी ने कहा कि अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि अभियुक्तों के भागने की स्थिति में अधिकारी उनकी तस्वीरें पड़ोस या प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर चिपका सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार निवारण अधिनियम, 1955 6 जनवरी, 1956 को लागू हुआ था, वर्ष 1956 में इसके नियम बनाए गए थे। 1958, 1961, 1979 और 2002 में कानूनों में संशोधन किया गया और 1964 और 1979 में नियमों में संशोधन किया गया।

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