डेस्क न्यूज – चीन ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरी गैलवान घाटी पर अपना दावा जताया, चीन ने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करके 6 जून हुए वादे का उल्लंघन किया और चीनी सैनिकों पर हिंसक हमला किया।
चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारतीय पक्ष ने 6 जून को वादा किया था कि वे गलवान नदी के मुहाने को गश्त और सुविधाओं के लिए पार नहीं करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्ष जमीन पर कमांडरों के बीच बैठकों के माध्यम से सैनिकों की वापसी पर चर्चा करेंगे।
चीन ने कहा, 15 जून की शाम को कमांडर-स्तरीय बैठक में हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए, भारत के सैनिकों ने एक बार फिर से जानबूझकर उकसावे के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर लिया जब गालवान घाटी में स्थिति पहले से ही कम हो रही थी। यहां तक कि जो चीनी अधिकारी और सैनिक बातचीत के लिए वहां गए उन पर भी हिंसक हमला किया गया।
भारतीय सेना ने सीमा क्षेत्र की स्थिरता को बदलने के लिए गंभीर रूप से घुसपैठ की, जिससे चीन के सैनिकों की जान को खतरा हुआ, इससे अलावा भारत ने सीमा मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन किया है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मापदंडों को भंग कर दिया है।
भारत में जानबूझकर नियंत्रण और प्रबंधन की यथास्थिति को एकतरफा बदलने के भड़काऊ प्रयास किए चीन की सेना जमीन पर यथास्थिति रखने वह जवाब देने को सक्षम है। भारत ने जानबूझकर नियंत्रण और प्रबंधन की यथास्थिति को एकतरफा बदलने के भडकाऊ प्रयास किए। चीन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत हमारे साथ काम करेगा, दोनों देशों के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौतो का पालन करें, दोनों देश सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रयास करें।
गलवान घाटी पर चीन के दावे वाला बयान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए उस बयान के बाद जिसमें कहा गया था कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। पीएम मोदी ने कहा था कि लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए।
सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक दलों को आश्वस्त किया कि हमारी सेनाएं, सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
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