न्यूज़ – चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते मुंबई निवासी महिला रीता मेहरा (63) का शव 24 दिनों से वहीं फंसा हुआ है। महिला के परिजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में गुहार लगाई है ताकि शव को भारत लाया जा सके। चीन में कोरोनावायरस से अब तक 1800 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 70 हजार लोग अभी भी इसकी चपेट में हैं।
रीता मेहरा (63) अपने डॉक्टर बेटे पुनीत मेहरा के साथ 24 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया से बीजिंग के रास्ते भारत आ रही थीं। प्लेन में वह शौचालय में गईं और काफी देर तक नहीं लौटी। इस पर बेटे ने क्रू मेंबर को इसकी जानकारी दी। क्रू टीम ने जब दरवाजा खोला तो रीता बेसुध हाल में पड़ी थीं। इसके बाद उन्हें चीन के झेंगझू (हुबेई) एयरपोर्ट पर उतारा गया। एयरपोर्ट पर उतारे जाने के बाद डॉक्टरों ने रीता को मृत घोषित कर दिया।
हुबेई से बीजिंग के लिए सभी ट्रांसपोर्ट बंद
भारतीय दूतावास ने उनका 2 बार डेथ सर्टिफिकेट जारी किया, लेकिन वह रिजेक्ट हो गया। सोमवार को डॉ. मेहरा को भारतीय दूतावास, बीजिंग से एक पत्र मिला है, जिसमें लिखा गया है, ''इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ सहानभूति रखते हैं। लेकिन, चीन में भी उतनी ही दुखद स्थिति बनी हुई है। कोरोनावायरस महामारी के चलते सामान्य जीवन पटरी से उतर गया है, विशेष रूप से हुबेई में, जहां रीता मेहरा की मृत्यु हुई थी। हुबेई से बीजिंग के लिए सभी ट्रांसपोर्ट बंद हैं, इसलिए शव को लाने में दिक्कत हो रही है।''
डॉ. पुनीत 7 फरवरी तक चीन में थे
डॉ. पुनीत ने बताया कि वह मां का शव लेकर आने की उम्मीद में ही वे 7 फरवरी तक चीन में रुके थे। पत्नी के प्रसव का समय नजदीक आने और चीन में फैले कोरोनावायरस के कारण परिजन ने वापस आने को कहा। हरसंभव कोशिश के बावजूद हम मां का शव वापस लाने में असफल रहे हैं।