(Madhya Pradesh) गुना (Guna) पुलिस के अनुसार सगा बरखेड़ा की (poachers and police) ओर से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। इसके बाद शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। (poachers and police) पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।
शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए गए हैं। मुठभेड़ में जिन पुलिसकर्मियों की जान गई है, उनमें एसआई राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव, आरक्षक संतराम शामिल हैं। तीनों के शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए गए हैं। यह घटना तड़के 4:00 बजे की बताई जा रही है।
गुना की घटना पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि घटना बहुत दुखद है। कुछ बदमाशों की सूचना पुलिस को मिली थी। बदमाशों ने अपने आप को चारों तरफ से घिरा देखकर फायरिंग शुरू कर दी। हमारे एक एसआई, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शहीद हो गए। सुबह से ही मैं संपर्क में हूं। लगातार बदमाशाों की घेराबंदी की जा रही है। हम जल्द उन्हें पकड़ लेंगे। इन बदमाशों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। 5 हिरणों के सिर मिले हैं, 2 हिरणों की बॉडी मिली है, मोर का भी शव मिला है। यहीं से शिकारियों की तरफ ध्यान जाता है। अपराधी कोई भी हो, पुलिस से बचकर जा नहीं सकते। कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस शामिल हुए। डीजीपी बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। उनके अलावा एडीजी इंटेलिजेंस, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गुना प्रशासन के बड़े अधिकारी भी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि गुना जिले के आरोन थाना क्षेत्र में एक एसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों की हत्या "शिवराज नहीं-गुंडाराज" का प्रमाण है! जब पुलिस ही असुरक्षित है तो आमजन की सुरक्षा कौन करेगा? जो गृहमंत्री अपने ही कर्मियों की रक्षा नहीं कर सके, वे नैतिकता के नाते इस्तीफा दें।