अपराध

विशाखापटनम में Pharmaceutical Unit में गैस लीक, 2 श्रमिकों की मौत

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने घटना की जानकारी मांगी, गैस के रिसाव के बारे में रात 11:30 बजे सूचना मिली

savan meena

डेस्क न्यूज –   आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम में एक Pharmaceutical Unit में कल रात गैस रिसाव के बाद दो लोगों की मौत हो गई और चार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिन लोगों की मृत्यु हो गई, वे साइनेर लाइफ साइंसेज की फर्म विशाखापटनम इकाई में उस वक्त मौजूद थे जब गैस लीक हुई, पुलिस ने कहा है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। अधिकारियों के अनुसार, औद्योगिक बंदरगाह विशाखापटनम के परवाड़ा क्षेत्र में दवा इकाई को एहतियात के तौर पर तुरंत बंद कर दिया गया था, क्योंकि बेंजामिनिडाज़ोल गैस के रिसाव के बारे में रात 11:30 बजे सूचना मिली थी।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उदय कुमार के हवाले से बताया गया, "स्थिति अब नियंत्रण में है। मरने वाले दो लोग श्रमिक थे और घटना के समय रिसाव स्थल पर मौजूद थे, गैस फैली नहीं है।"

विशाखापटनम  कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने घटना के बारे में जानकारी मांगी है,  मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है, "यह दुर्घटना एक विभाग में सीमित है, जिसमें रिएक्टर है। घबराने की जरूरत नहीं है। विशाखापटनम जिला कलेक्टर ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।"

गैस लीक सैनर लाइफ साइंस फार्मा कंपनी से हुई और लीक हुई गैस बेंजीमिडाजोल बताई जा रही है, जो जहरीली होती है इसके बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई हालांकि, गैस के रिसाव के कुछ समय बाद हालात पर काबू पा लिया गया, मरने वालों दोनों लोग श्रमिक हैं और फैक्ट्री में ही काम करते हैं वहीं पुलिस ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई है वे लीकेज वाले स्थान पर मौजूद थे अब स्थिति नियंत्रण में है।

कुछ समय बाद हालात पर काबू पा लिया गया

गैस लीक सैनर लाइफ साइंस फार्मा कंपनी से हुई और लीक हुई गैस बेंजीमिडाजोल बताई जा रही है, जो जहरीली होती है इसके बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई हालांकि, गैस के रिसाव के कुछ समय बाद हालात पर काबू पा लिया गया, मरने वालों दोनों लोग श्रमिक हैं और फैक्ट्री में ही काम करते हैं वहीं पुलिस ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई है वे लीकेज वाले स्थान पर मौजूद थे अब स्थिति नियंत्रण में है।

1984 में भोपाल में हुई थी गैस त्रासदी

इस घटना की तुलना 1984 के भोपाल गैस रिसाव से की जा रही है, जो कि यूनियन कार्बाइड द्वारा संचालित कीटनाशक संयंत्र से गैस लीक होने पर इतिहास की सबसे बुरी औद्योगिक आपदाओं में से एक थी।  लगभग 3,500 लोग मारे गए थे।  सरकारी आंकड़ों का कहना है कि अब भी कम से कम एक लाख लोग पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं।

2 महीने पहले ही केमिकल फेक्ट्री में हुई थी गैस लीक

इससे पहले लगभग 2 महीने पहले विशाखापट्टनम में ही एक केमिकल प्लांट में जहरीली स्टाइरीन गैस लीक से कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से ज से ज्यादा लोग बीमार पड़े थे और आसपास के इलाके को खाली करा दिया गया था

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