न्यूज – यूपी की योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ द्वारा हिंसक प्रदर्शनों से सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सार्वजनिक रूप से दंगाइयों के पोस्टर लगाए थे। लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने पूछा है कि सार्वजनिक पोस्टर लगाने का क्या औचित्य है। लखनऊ के डीएम और पुलिस आयुक्त को अवकाश के बावजूद रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। पहले इस मामले की सुनवाई सुबह 10 बजे से होनी थी, लेकिन बाद में यूपी सरकार के अनुरोध पर इसे दोपहर 3 बजे तक के लिए टाल दिया गया।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने इस मामले को खुद ही संज्ञान में लेते हुए यह नोटिस जारी किया। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले गुरुवार को राजधानी लखनऊ में होर्डिंग्स लगाए थे और दंगाइयों की तस्वीर के साथ उनकी पहचान उजागर की थी। इन होर्डिंग्स में 53 लोगों के नाम, फोटो और पते दर्ज हैं और उनसे लगभग एक करोड़ 55 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। राशि जमा नहीं करने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने का नोटिस भी जारी किया गया है।