अपराध

पुलवामा अटैक कराने वाले का मददगार हुआ गिरफ्तार…

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बातचीत में बताया कि 22 साल के मागरे ने ये खुलासा किया है कि बैटरी और अमोनियम नाइट्रेट जिसे उन्होंने बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया था वह ऑनलाइन पोर्टल से ऑर्डर की गई थी.

Sidhant Soni

न्यूज़- राष्ट्रीय जांच एजेंसी को पुलवामा हमले से जुड़े मामले में बड़ी सफलता मिली है, एजेंसी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पुलवामा हमले से जुड़े एक आरोपी और जैश-ए-मोहम्मद  के ओवर ग्राउंड वर्कर शाकिर बशीर मागरे को गिरफ्तार किया है. शाकिर ने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को शरण और अन्य रसद सहायता दी थी. यही नहीं उसने इस एनआईए (NIA) की पूछताछ में बड़ा खुलासा भी किया है. मागरे ने बताया कि इस आत्मघाती हमले में बम बनाने के लिए इस्तेमाल की गई अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रो-ग्लिसरीन और आरडीएक्स जैसी तमाम तरह की विस्फोटक सामग्री ऑनलाइन ऑर्डर की गई थी,

22 साल के मागरे ने ये खुलासा किया है कि बैटरी और अमोनियम नाइट्रेट जिसे उन्होंने बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया था वह ऑनलाइन पोर्टल से ऑर्डर की गई थी

डार से पहले हमलावर ही चला रहा था गाड़ी
मागरे ने यह भी बताया कि विस्फोटकों से भरी मारुति ईको कार जिसका इस्तेमाल सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने के लिए किया गया था वह ही उसे चलाकर घटनास्थल से लगभग 500 मीटर पहले तक लेकर गया था. हमले की जगह से 500 मीटर दूर वह गाड़ी से उतर गया और इसके बाद आदिल अहमद डार उस गाड़ी को चलाकर गया और हमले को अंजाम दिया।

एनआईए ने जानकारी दी कि उसने 2018 के आखिर से फरवरी 2019 यानी कि पुलवामा हमले तक अपने घर में आदिल अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को पनाह दी थी. यही नहीं शाकिर ने IED की तैयारी में इन दोनों की सहायता की थी. शाकिर को विस्तृत पूछताछ के लिए 15 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया है।

CRPF के आने-जाने की खबर रख रहा था मागरेमागरे की फर्नीचर की दुकान लेथपोरा पुल के पास स्थित थी, मोहम्मद उमर की सलाह पर वह जनवरी 2019 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले के आने-जाने की टोह ले रहा था. इसके बारे में उसने मोहम्मद उमर और आदिल अहमद डार को सूचित किया. एनआईए के बयान में कहा गया है कि वह मारुति ईको कार को मॉडिफाई करने और फरवरी 2019 की शुरुआत में इसमें आईईडी फिट करने के लिए भी शामिल था।
एनआईए ने कहा कि डार और मागरे के साथ, पाकिस्तानी आतंकवादी मुहम्मद उमर फारूक और आईईडी विशेषज्ञ कामरान पुलवामा हमले की साजिश में शामिल थे।

फोन से मिले अहम सुराग
मार्च 2019 में इन दोनों को मार गिराया गया था. सूत्रों ने बताया कि कामरान का मोबाइल फोन एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मिला, जिससे एनआईए को बड़ी सफलता मिली. एक अधिकारी ने कहा, "उनके मोबाइल फोन से हमें वीडियो मिला विस्फोटक बनाने के लिए RDX साथ नाइट्रेट के मिश्रण बनाने से जुड़ा एक वीडियो मिला इसके साथ ही कई नंबर भी मिले. इससे एनआईए की जांच को पूरी तरह से नई दिशा मिली"

पाकिस्तान से आरडीएक्स लाने पर संदेह
एनआईए को संदेह है कि हमले में इस्तेमाल किए गए 80 किलोग्राम आरडीएक्स को क्रॉस-एलओसी ट्रेड रूट का इस्तेमाल करके पाकिस्तान से लाया गया था. एनआईए अधिकारियों का कहना है कि वे मागरे से पूछताछ के बाद और खुलासे होने की उम्मीद कर रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले (Pulwama Attack) में आतंकियों ने सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमला किया था. इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद (Jash E Mohammad) ने ली थी. जैश आतंकी ने विस्फोटकों से लदी कार को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया था. भीषण आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

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