डेस्क न्यूज़- जयपुर में लाखों रुपये के नकली नोट छापकर बाजार में धमाल मचाने वाले गैंगस्टर ब्रजेश मोरया की कहानी किसी फिल्मी पटकथा की तरह है, मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के माधवगंज निवासी ब्रजेश मोरया का भाई गंभीर रूप से बीमार हो गया था, तब डॉक्टर ने अस्पताल के आईसीयू में इलाज के लिए प्रतिदिन 25 हजार रुपये मांगे, उसकी जेब में ज्यादा पैसे नहीं थे, इसलिए इलाज के अभाव में ब्रजेश मोरया ने अपने भाई को खो दिया इसके बाद उन्होंने करोड़पति बनने का फैसला किया।
ब्रजेश करीब आठ साल पहले अपने सपनों को पूरा करने जयपुर आया था, यहां उन्होंने छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया, फिर टैक्सी चलाने लगा, कई सालों तक इस काम को करने के बाद कोरोना महामारी से पहले जयपुर में एक रेस्टोरेंट भी खोला गया था, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ, रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा, इसके बाद ब्रजेश नकली नोट छापने के धंधे में लग गया।
जयपुर के गोनेर रोड पर एक विला किराए पर 10 हजार रुपए महीने में लिया, यह विला कल्पना वर्मा नाम की एक महिला का है, उन्होंने किराएदार का सत्यापन भी नहीं करवाया, इधर ब्रजेश मोरया ने अपने साथी प्रथम शर्मा के साथ पुरानी बस्ती नाहरगढ़ रोड निवासी 200 और 500 के नोटों को हाईटेक स्कैनर और उपकरणों से छापना शुरू किया।
सबसे महत्वपूर्ण बात, ब्रजेश को पता था कि लोग असली नकली मुद्रा की पहचान करने के लिए सुरक्षा धागे की जांच करते हैं, इसलिए वह नकली नोट छापते समय उनमें महीन धागा चिपका देता था, आरोपी सफेद लाइन पर धागा बांधता था, धागे को कील से खुरचने पर वह निकल जाता ह, जबकि असली नोट में ऐसा नहीं होता है, ब्रजेश मौर्य नकली नोटों के धंधे में खूब पैसा कमाने, महंगे बंगले किराए पर लेने और लाखों रुपये की लग्जरी गाड़ियों के इस्तेमाल के बावजूद जयपुर में खानाबदोश की तरह रहता था, वह लग्जरी लाइफ नहीं जीते इसी लिए किसी को शक ही नहीं हुआ।
एसओजी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ब्रजेश मौर्य और प्रथम शर्मा एक लाख रुपये के नकली नोटों की आपूर्ति करने के लिए अपने ग्राहकों से 40 हजार रुपये के असली नोट लेते थे. ब्रजेश ने सबसे पहले शेखावाटी इलाके में नकली नोटों की आपूर्ति शुरू की, ग्राहकों को बताता था कि उन्हें ये नकली नोट बांग्लादेश से मिलते हैं, उन्होंने यह गुप्त रखा कि नकली नोट छापने वाले वही थे, इसके अलावा वे ग्राहकों से एक शर्त रखते थे कि वे रात में ही बाजार में नकली नोट चलाएंगे, यह कार्रवाई पुलिस निरीक्षक विजय कुमार राय के नेतृत्व में गठित टीम ने की।
बता दें कि तीन दिन पहले एसओजी ने जयपुर के टोंक रोड पर रामबाग सर्कल के पास हरियाणा नंबर की एक कार में सवार चार युवकों को पकड़ा था, ये चारों युवक नागौर और झुंझुनू के रहने वाले थे, डीआईजी शरत कविराज के नेतृत्व में गठित एसओजी टीम ने चारों युवकों के कब्जे से एक लाख रुपये से अधिक के नकली नोट बरामद किए, फिर पूछताछ में पता चला कि वे गोनेर रोड स्थित एक अपार्टमेंट में स्थित एक विला से नकली नोट लाए थे, इसके बाद 13 जुलाई की आधी रात को एसओजी ने विला में छापा मारा, वहां नकली नोट छापते गैंगस्टर ब्रजेश मोरया और प्रथम शर्मा पकड़े गए।