तालिबान और अफगान के बीच जो घमासान चल रहा है पूरी दुनिया देख रही है वही अब लोग तेजी से पलायन भी करने लगे है और कई जगह से लूट चोरी की खबरे भी आ रही है तालिबान ने अफगान के नागरिको को किसी भी प्रकार की हानि और हिंसा के लिए अपने सैनिको को सख्त निर्देश दिए है।
वही एक इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है। हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे। हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है। तालिबान के प्रवक्ता से यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
इस पर मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अगर भारत सैन्य रूप से अफगानिस्तान आता है और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा।
उन्होंने अन्य देशों के अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति का भाग्य देखा है, इसलिए यह उनके लिए एक खुली किताब है। बता दें कि अफगानिस्तान के 65 फीसदी से ज्यादा इलाकों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। शनिवार सुबह तालिबानी लड़ाकों ने पक्तिया प्रांत की राजधानी शरना को भी कब्जे में ले लिया। इसके बाद तालिबान काबुल से महज एक घंटे की दूरी पर रह गया है। वहीं अमरीका समेत दूसरे देश अपने दूतावासों से स्टाफ को निकालने में जुटे हुए हैं।
तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में भारत के कामों की सराहना भी की है। ताबिलान प्रवक्ता ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं, जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है, जिसकी सराहना की जाती है।
पाकिस्तान-आधारित आतंकी समूहों के साथ गहरे संबंधों पर तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि ये निराधार आरोप हैं। ये जमीनी हकीकत नहीं है। ये निराधार आरोप हैं। वे जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक रूप से प्रेरित लक्ष्यों के आधार पर हमारे प्रति उनकी कुछ नीतियों के आधार पर हैं।
अफगानिस्तान में गुरुद्वारे से निशान साहिब को हटाने को लेकर भी तालिबान प्रवक्ता ने सफाई दी है। मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए, तो उन्होंने कहा कि झंडा देखा तो कोई उन्हें परेशान करेगा। हमारे लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया और उन्होंने इसे फिर से फहराया।
अफगानिस्तान के कंधार समेत 19 प्रांतों पर कब्जा कर चुका तालिबान अब काबुल एयरपोर्ट से भी महज एक घंटे की दूरी पर है। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने भारत को भभकी दी है कि अगर भारत ने अफगानिस्तान में मिलिट्री भेजी तो अच्छा नहीं होगा। अफगानिस्तान में दूसरे देशों की मिलिट्री का हाल आप देख चुके हैं, इसलिए ये मसला एक खुली किताब है। उधर, भारत भी दो टूक कह चुका है अफगानिस्तान में ताकत के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे। भारत के अलावा जर्मनी, कतर, तुर्की और कई अन्य देशों ने अफगानिस्तान में हिंसा और हमले तुरंत रोकने की अपील की है।