राजधानी जयपुर में व्यापारी ने खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। व्यापारी के इस खुदकुशी करने के पीछे बैंको का कर्ज और दोस्रो को दिया पैसा वापस ना मिलना बताया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है वही मामले में पुलिस ने आरोपी सत्यार्थ तिवाडी, रमेश चंद्र तिवाडी और लोकपाल पारीक को गिरफ्तार कर लिया है।
गोरतालब है की जयपुर में किराना व्यापारी की खुदकुशी का मामला और तूल तब पकड़ने लगा जब नेताओं ने थाने के बाहर धरना देना शुरू किया। बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी ने देर रात तक धरना देने के बाद पुलिस ने गुरुवार को तीन आरोपियों को पकड़ लिया। इनमें वो बिजनेस पार्टनर भी शामिल है, जिस पर सोनी ने धोखा देने के आरोप लगाए हैं।
बिजनेसमैन और इनके बीच ये विवाद नया नहीं था। कोरोना से पहले बिजनेसमैन मनमोहन सोनी ने आरोपियों के साथ मिलकर साढ़े 6 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किया। जब रुपए नहीं दिए तो बिजनेसमैन ने थाने में मामला दर्ज करवाया। रिटायर्ड डिप्टी ने अपने रसूख का फायदा उठाया और मामले में बिना जांच के एफआर लगा दी गई। इसके बाद से इनके बीच ठनी शुरू हुई। करोड़ों रुपए नहीं देने पर मनमोहन सोनी ने बुधवार को खुद को गोली मार दी।
पत्नी नीतू ने 2020 में शास्त्री नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया- सत्यार्थ तिवाड़ी पुत्र रमेश चन्द्र तिवाड़ी रिटायर्ड डिप्टी ने सत्यार्थ तिवाड़ी के साथ मिलकर पति को झांसे में लिया। इसके बाद हमारा मकान गिरवी रख साढ़े 6 करोड़ रुपए पति से ले लिए। जब मेरे पति ने रुपए मांगे तो पहले तो वह टालता रहा। एक दिन सत्यार्थ तिवाड़ी ने पैसा देने के लिए अपने घर बुलाया। इस दौरान पूर्व डिप्टी रमेश चन्द्र तिवाडी व यर्थात तिवाडी भी मौजूद थे और मेरे पति के साथ अभद्र व्यवहार किया। धमकाया कि दोबारा रुपए मांगे तो अच्छा नहीं होगा।