पुजारी लम्बे समय से अपनी सेवा मंदिर में देते आ रहे थे 
अपराध

जयपुर : मंदिर समिति के लोगो से परेशान होकर पुजारी ने खुद को लगाई आग, 60 फीसदी झुलसे

आग लगाने वाले गिर्राज शर्मा शंकर विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर का पुजारी है और सन 2000 से मंदिर की सेवा कर रहे थे

Ranveer tanwar

भारत में पुजारी के द्वारा आत्मदाह के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे है। भूमाफ़िया की बात करे या दबंगो द्वारा अत्याचार की तो लगातार प्रताड़ना के मामले सामने आ रहे है। वही राजधानी जयपुर में तड़के 5 बजे पुजारी ने आत्मदाह किया। मंदिर का पुजारी पिछले काफी समय से मंदिर की समिति के लोगो से परेशान चल रहा था। मानसिक प्रताड़ना के चलते तड़के सुबह पुजारी ने खुद को आग लगा ली।

मंदिर पुजारी ने विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान के घर के बाहर जाकर लगाई। वह लगभग 60 फीसदी जल गए हैं। आग लगाने वाले गिर्राज शर्मा शंकर विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर का पुजारी है। और सन 2000 से मंदिर की सेवा कर रहे थे।

मामले में आग की सूचना मिलने पर मंदिर में रह रहा पंडित का परिवार मौके पर पहुंचा और पंडित को बचाने की कोशिश की। फिलहाल पंडित गिर्राज शर्मा का एसएमएस अस्पताल के बर्न वॉर्ड में उपचार चल रहा है। पुलिस अधिकारियों ने आसपास लगे CCTV कैमरों की मदद से वीडियो फुटेज खंगाल रही है।

पुजारी का परिवार
राजस्थान में लगातार हो रही है ऐसी घटनायें: उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पिछले कई दिनों से साधु-संतों को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं. पहले भरतपुर में खनन के विरोध में एक संत ने खुद को आग लगाकर सुसाइड कर लिया था. उसके बाद इस मामले को लेकर काफी बवाल मचा था. यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि पहले धौलपुर और फिर भरतपुर में दो मंदिरों के पुजारियों के शव संदिग्ध हालत में मंदिर परिसरों में ही पेड़ों पर लटके हुये मिले थे. उसके बाद जालोर में एक संत ने आत्महत्या कर ली थी।

मंदिर से जाने का दबाव बना रही थी समिति

अस्पताल में भर्ती पंडित गिर्राज शर्मा ने बताया कि पांच-छह लोग उसे कई समय से परेशान कर रहे थे। इसमें शंकर जोशी सहित कुछ लोग थे। ये लोग चाहते थे की पंडित परिवार के साथ यहां से चला जाए।

प्रारंभिक जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ करने में जुटी है बताया जा रहा है कि इस घटना के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी सामने आये हैं। पुलिस उनकी जांच के साथ - साथ समिति से जुड़े लोगो से भी पूछताछ करेगी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना विकास समिति ने वर्ष 2002 में की थी। मंदिर में पंडित कई सालों से अपने परिवार के साथ रह रहे थे। पिछले कुछ समय से मंदिर ट्रस्ट और उसके बीच में विवाद चल रहा था। इसे लेकर पंडित गिर्राज शर्मा काफी परेशान थे। आज सुबह परिवार सो रहा था। इस दौरान पंडित गिर्राज शर्मा एक बोतल में ज्वलनशील पदार्थ लेकर मूलचंद मान के घर के बाहर गए। वहां उन्होंने खुद को आग के हवाले कर दिया।

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