अपराध

Jaipur: ट्रांसफर ना होने पर द्रव्यवती नदी में कूद कर दी जान, पत्नी के बाद पति ने भी लगाई छलांग

Jyoti Singh

डेस्क से यशस्वनी की रिपोर्ट -

जयपुर में शनिवार को द्रव्यवती नदी में कूदकर सुसाइड करने वाली इंजीनियर पत्नी और बचाने के लिए कूदे कंपाउंडर पति की मौत के पीछे का कारण सामने आया है। इंजीनियर महिला अपना जयपुर ट्रांसफर करना चाहती थी। जब उन्हें पता चला कि उनका जयपुर ट्रांसफर नहीं हो सकता है तो उन्होंने गुस्से में आत्महत्या कर ली।

जयपुर ट्रांसफर ना होने पर दी जान

शिप्रापथ थाना पुलिस अधिकारी ने बताया कि तरुण का परिवार जयपुर में रहता है। इसलिए तरुण अपनी पत्नी मधुबाला (28) को सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट से जयपुर ट्रांसफर करना चाहते थे। मधुबाला भी जयपुर ट्रांसफर के लिए राजी हो गईं। शनिवार को पति तरुण (32) ट्रांसफर के लिए किसी से मिलने गया था, लेकिन ट्रांसफर नहीं हो सका।

इसी बात से परेशान होकर मधुबाला बिना कुछ कहे घर से निकल गई और द्रव्यवती नदी में कूद गई। पत्नी को बचाने के लिए पति भी नदी में कूद गया। दोनों की नदी में डूबने से मौत हो गई।

प्यार इतना की एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे

बताया जा रहा है कि तरुण और मधुबाला में बहुत प्यार था। वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। तरुण बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्टाफ नर्स A -ग्रेड (कंपाउंडर) था । वहीं मुधाबाला सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में AEN की पोस्ट पर थीं।

पति और उसकी पत्नी की अलग-अलग राज्यों में सरकारी पोस्टिंग थी। वे सिर्फ महीने में 4-5 दिन एक-दूसरे से मिलते थे। कभी पति छुट्टी लेकर आता था तो कभी पत्नी छुट्टी लेती थी। बेटी के जन्म के बाद मुधबाला को जयपुर ट्रांसफर करने की व्यवस्था कर रहे थे।

बेटी को घर ले आते तो शायद आज दोनों जिंदा होते
पुलिस ने बताया की मधुबाला डिप्रेशन के चलते दवा ले रही थीं। मृतक के परिजनों का कहना है कि मधुबाला जोधपुर से डिप्रेशन की दवा ले रही थी। जिसे दूसरी जगह से स्टार्ट कर रिप्लेस कर दिया गया। मधुबाला के परिजन शुक्रवार को बेटी को लेने जयपुर आया था। लेकिन ससुराल वालों ने बेटी से ही पीहर जाने के लिए इंकार करवा दिया। मधुबाला के घरवालों का कहना है कि अगर वह अपनी बेटी को घर ले आते तो शायद आज वह और उनका दामाद जिंदा होता।

10 महीने बच्चे की कस्टडी को लेकर दोनों परिवारों मे विवाद

पुलिस के मुताबिक तरुण और मधुबाला के परिवार के बीच 10 महीने की बच्ची की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा है। अलवर के शिवाजी पार्क इलाके में रहने वाले ननिहाल ने अपनी पोती को हिरासत में लेने तक शव लेने से इनकार कर दिया।

तरुण के परिवार का कहना है कि हम किसी भी हाल में बच्चे को कस्टडी ननिहाल पक्ष को नहीं देंगे। पुलिस ने समझाइश कर मामला शांत कराया। दंपति के शव का अंतिम संस्कार जयपुर में किया गया। फिलहाल 10 महीने की बच्ची की कस्टडी को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है।

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