महेंद्र मीणा हत्याकांड मामले में जयपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने बुधवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया साथ ही बताया गया कि यह हत्या आपसी रंजिश का नतीजा थी। पहले अच्छे दोस्त बने फिर साथ में एस्कॉर्ट का Business किया। पैसे की लेनदेन बना मौत का सबसे बड़ा कारण।
DCP (ईस्ट) डॉ. राजीव पचार ने बताया कि मर्डर में आरोपी भरत लाल मीणा (25) पुत्र रामरतन मीणा निवासी नांगल शेरपुर बालघाट करौली, प्रियांशु मीणा (21) पुत्र भगवान सहाय मीणा निवासी सौंप नादौती करौली, यादराम मीणा (28) पुत्र किरोडी लाल निवासी खिलचीपुर नांगल पहाड़ी बालघाट करौली और मोनू कटकड (29) पुत्र रामचरण मीणा निवासी ग्राम कटकड सदर हिंडौन सिटी करौली को अरेस्ट किया है। गैंगस्टर महेन्द्र मीणा की हत्या के मामले में बदमाशों की तलाश में पुलिस टीमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात में दबिश दे रही है। साथ ही अलग - अलग राज्यों की पुलिस का भी हमे सपोर्ट मिला है। जल्द ही हम बाकि आरोपियों को पकड़ लेंगे।
तीन साल पहले दोस्त थे महेन्द्र मीणा और विनित मेडी डीसीपी ईस्ट राजीव पचार के मुताबिक वर्ष 2018-19 में महेन्द्र मीणा और विनित मेडी दोस्त थे। दोनों मिलकर एस्कॉर्ट सर्विस चलाते थे। यानी कॉल गर्ल्स उपलब्ध कराने का ऑनलाइन धंधा करते थे। सोशल मीडिया के जरिए वे विज्ञापन करते थे और जो लोग उनसे संपर्क करते, उन्हें वे कॉल गर्ल्स उपलब्ध कराते थे। करीब दो साल तक दोनों ने एक साथ काम किया लेकिन बाद में कॉल गर्ल्स सप्लाई करने और रुपयों के लेन देन को लेकर विवाद हो गया। फिर दोनों अलग अलग हो गए और अलग अलग एस्कॉर्ट सर्विस चलाने लगे।
1 दिसंबर को महेन्द्र मीणा अपने साले संदीप मीणा और अन्य साथियों के साथ प्रताप नगर स्थित गोदावरी अपार्टमेंट के बाहर चाय की थड़ी (दुकान) पर बैठा था। रैकी के अनुसार विनित मेडी अचानक अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और महेन्द्र और उसके साथियों को घेर लिया। महेन्द्र और संदीप ने भागने की कोशिश की। संदीप भागने में कामयाब हो गया लेकिन महेन्द्र के भागने के दौरान पीछे से गोली मारी गई। गोली लगने के कुछ ही सेकेंड बाद महेन्द्र नीचे गिर गया। हमला करने के बाद विनित मेडी और उसके साथी फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और महेन्द्र मीणा को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने महेन्द्र मीणा को मृत घोषित कर दिया।