अपराध

जानिए, निर्भया दोषियों की फांसी से पहले आखिर इच्छा क्या थी ?

savan meena

न्यूज – तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि निर्भया कांड के दोषियों को शुक्रवार, 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी की सजा दी गई, दोषियों अपने आखिरी कुछ घंटे अलग-अलग कक्षों में बिताए। अधिकारियों ने कहा कि निर्भया के दोषियों की आखिर इच्छा कुछ भी नहीं व्यक्त की

अक्षय ठाकुर (31), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26), और मुकेश सिंह (32) को सात साल बाद फांसी दी गई, उन्होंने दिसंबर 2012 में दिल्ली में एक चलती बस में एक मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी।

तिहाड़ जेल महानिदेशक ने कहा मुकेश और विनय ने रात का भोजन किया, जबकि अक्षय ने कल रात केवल चाय पी थी। विनय थोड़ा रोया, लेकिन चारों अपराधी शांत थे। अदालत के आदेशों पर उन्हें लगातार अपडेट किया गया। अगर उनके परिवारों दावा करते है तो उनके शव उन्हें यह सौंप दिया जाएगें। उन्होनें कहा दोषियों का अंतिम संस्कार करना उनका कर्तव्य है।

दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल एशिया की सबसे बड़ी जेल है यंहा पर पिछले 24 घंटों से लॉकडाउन चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अंतिम दलीलों को खारिज करने के ठीक बाद लगभग 3:30 बजे दोषियों को जगाया गया।

जेल के एक अधिकारी ने कहा, "दोषियों ने अधिकारियों को कोई अंतिम इच्छा जाहिर नहीं कि, दोषियों को फांसी से पहले उनकी अंतिम इच्छा के बारे में पूछा जाता है। जेल मैनुअल के अनुसार, कैदी की इच्छा सहित किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं और जेल अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाते है।

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