डेस्क न्यूज़– महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में देर रात हुई मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक 6 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। गढ़चिरौली के डीआईजी संदीप पाटिल ने इस बात की पुष्टि की है। इसके बाद भी C-60 कमांडो और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग चल रही है। पाटिल के मुताबिक, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली में कटीमा के जंगल से 6 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।
नक्सलियों ने पिछले महीने गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली
तालुका के गुट्टा पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका था। कोई विस्फोट
नहीं होने के कारण हादसा होने सा बच गया। हालांकि
नक्सलियों द्वारा थाने को उड़ाने की कोशिश को एक बड़ी घटना
माना गया। माना जा रहा है कि इसके बाद सी-60 कमांडोज ने यह कार्रवाई की है।
इससे पहले 29 मार्च को गढ़चिरौली पुलिस की टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) में लगे नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। इसमें कुख्यात नक्सली रुसी राव समेत पांच नक्सली मारे गए थे। इस मुठभेड़ के विरोध में नक्सलियों ने 12 अप्रैल को गढ़चिरौली बंद का आह्वान किया था। 12 अप्रैल को कई जगह नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी मशीनों में आग लगाकर अपना विरोध जताया।
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में वृद्धि हुई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को सी-60 की स्थापना की। उस समय इस बल में केवल 60 विशेष कमांडो की भर्ती की गई थी, जिसके कारण इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया था। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
इन कमांडो को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। वे दिन और रात के किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड होते हैं। वह हैदराबाद, एनएसजी कैंप मानेसर, कांकेर, हजारीाबाद में प्रशिक्षित होते हैं। ये सैनिक नक्सल विरोधी अभियान के अलावा नक्सलियों के परिवारों और रिश्तेदारों के साथ भी काम करते हैं और उन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हैं। वे नक्सली इलाकों में प्रशासनिक समस्याओं की भी जानकारी जुटाते हैं।
इससे पहले 3 मई 2019 को भी 100 से ज्यादा नक्सलियों ने घात लगाकर बैठ कर ऐसा ही हमला किया था. गढ़चिरौली में आईईडी विस्फोट में 15 क्यूआरटी जवान शहीद हो गए थे। उत्तरी गढ़चिरौली के सीपीआई (माओवादी) कमांडर भास्कर को हमले का मास्टर माइंड बताया गया था।