डेस्क न्यूज़- उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले धर्म परिवर्तन का मुद्दा गरमा रहा है। राज्य की एटीएस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। इरफान ख्वाजा खान को मंगलवार को महाराष्ट्र के बीड से गिरफ्तार किया गया। वह बाल कल्याण मंत्रालय में इंटरप्रेटेटर (ट्रांसलेशन करने वाला) के रूप में काम करते हैं। इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये वही इरफान हैं जिसने 2017 और 2020 में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था। इन दोनों कार्यक्रमों में इरफान ने इशारों-इशारों में मूक बधिर लोगों को प्रधानमंत्री मोदी का भाषण समझाया था। अब सवाल यह भी उठने लगा है कि अगर इरफान ऐसे मामलों में शामिल थे तो पीएम मोदी के मंच पर कैसे पहुंचे। क्या एसपीजी और पीएम मोदी की सुरक्षा में शामिल एजेंसियों को इस बारे में पता नहीं था? इरफान धर्मांतरण का आरोपी ।
इरफ़ान ने जिन दो कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया, उनमें से एक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में और दूसरा गुजरात के राजकोट में था। राजकोट में कार्यक्रम 29 जून 2017 को हुआ था। विकलांगों के लिए इस कार्यक्रम में इरफान ने पीएम मोदी के भाषण का सांकेतिक भाषा में अनुवाद किया था। मतलब जो सुन नहीं सकते थे, उनको इशारों-इशारों में पीएम मोदी के भाषण को समझाया था।
दूसरा आयोजन 29 फरवरी 2020 को प्रयागराज में हुआ। यहां भी इरफान पीएम मोदी के अनुवादक बनकर आए। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी इरफान के पास पहुंचे और उसकी पीठ थपथपाई। इसके बाद इरफान ने मीडिया से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री से तारीफ के दो शब्द मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं इस पल को हमेशा याद रखूंगा।
इस मामले में यूपी एटीएस के आईजी जीके गोस्वामी का कहना है कि इरफान बाल कल्याण मंत्रालय में एक जिम्मेदार पद पर तैनात थे। हो सकता है कि वह किसी कार्यक्रम में पीएम के साथ शामिल हुए हों। हमारी जांच में पता चला है कि वह धर्म परिवर्तन के मामले में शामिल था। उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
एटीएस ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी किया। बताया कि इरफान हिंदू और अन्य धर्मों के मूक-बधिर बच्चों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था। वह बच्चों के सामने दूसरे धर्म की बुराइया करता था और उन्हें भड़काता था। इतना ही नहीं, धर्मांतरण मौलाना उमर गौतम और जहांगीर आलम को भी मूक-बधिर बच्चों की सूची प्रदान की करता था।
इरफान तीन भाइयों में सबसे छोटा हैं। इरफान का टिनशेड का घर हैं, जो बीड जिले के सिरसाला गांव के जयकवाड़ी मोहल्ले में है। इरफान के पिता ख्वाजा खान एसटी महामंडल में मैकेनिक का काम करते थे। सात साल पहले उनका निधन हो गया। ख्वाजा खान ने काम करते हुए परली वैजनाथ शहर के आजादनगर इलाके में एक घर ले लिया था। यहीं पर इरफान का जन्म 1986 में हुआ था।
इरफान के भाई फरखान ने बताया कि उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई परली के बिलाल उर्दू स्कूल से की। इसके बाद वैद्यनाथ कॉलेज, परली में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की। 2013 में उन्हें बाल कल्याण मंत्रालय में नौकरी मिल गई। उन्होंने 2015 में शादी की थी। फरखान के मुताबिक, इरफान विकलांग बच्चों के लिए काफी काम करता हैं। गांव वालों ने भी इरफान की तारीफ की। कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं कर सकता।