कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में हुई मौत के मामले में होटल के मालिक सुभाष शुक्ला ने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं कि घटना के बाद सुबह ही पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम सीसीटीवी के डीवीआर को उठा ले गए। इसके पहले सीसीटीवी में देखा गया है कि उसमें दो पुलिस वाले और होटल के 2 स्टॉफ मनीष को उठाकर अस्पताल ले जा रहे हैं।
वो घटना के समय होटल में नहीं थे। सोमवार की रात 12 बजकर 4 मिनट पर पुलिस वाले होटल पर आए एसएचओ जेएन सिंह भी थे। उन्होंने कहा कि एसएसपी का ऑर्डर है दिवाली को देखते हुए रूम चेक करना है. उनके कुल 7 कमरे बुक थे। कमरा नंबर 512 में कानपुर से एक और हरियाणा से दो लोग थे।
जब उन्होंने रजिस्टर चेक किया तो बोले कि सबसे पहले यही रूम दिखा दीजिए। इसके बाद वो उसके रिसेप्शन पर ड्यूटी दे रहे कर्मचारी को भी साथ लेकर गए। उन्होंने कहा कि जो शख्स आज नहीं रहे वो सोए हुए थे। एसओ साहब ने बताया कि 2 लोगों से पूछताछ हुई, उनकी आईडी मांगी गई। इसके बाद क्या हुआ ये जानकारी नहीं है।
उन्होंने बताया कि मनीष गिरे पड़े हुए थे। उसके बाद दो पुलिस वाले और दो होटल के स्टॉफ उन्हें टांग कर नीचे लाए। उन्होंने बताया कि वो लोग गिरे और सिर में चोट लग गई। उन्हें दवा के नाम पर मानसी हॉस्पिटल ले गए। वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि रेड इसलिए पड़ी कि 3 लोग रूम में थे। सारे रूम में दो लोग थे। पहले ही रूम में घटना हो गई। सीसीटीवी फुटेज में था। जो पुलिस वाले सीसीटीवी का डीवीआर लेकर चले गए।
ऐसी घटना तीन बार हो चुकी है, दो बार जेएन सिंह से समय में छापा पढ़ा था। इसके पहले जब नया थाना खुला था, तब भी रेड पड़ी थी। गेस्ट हाउस में आना लोगों का कम हो गया है। पहले 10 से 12 रूम बुक हुआ करते थे और अब चार से पांच रूम ही बुक होते हैं। जेएन सिंह कैसे आदमी हैं उन्हें नहीं पता, जो चर्चा है, वो आप सभी लोग जानते हैं |