अपराध

धर्म परिवर्तन मामले में उमर गौतम ने खुद को बताया पूर्व प्रधानमंत्री का रिश्तेदार, फर्जी दस्तावेज तैयार कर विदेश से फंडिंग

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़- यूपी में धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम और मौलाना जहांगीर ने देश-विदेश से चंदा जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किए थे, जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों पाकिस्तान के अलावा तुर्की और अरब के कई इस्लामिक संगठनों के संपर्क में थे, अधिकांश पैसा उनके बैंक खातों में रूपांतरण के लिए दान के रूप में भेजा गया था।

एटीएस द्वारा जारी हेल्पलाइन

वहीं लोगों ने धर्मांतरण पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एटीएस द्वारा जारी हेल्पलाइन पर संपर्क करना शुरू कर दिया है, सभी लापता लोगों के परिजन भी हेल्पलाइन से संपर्क कर रहे हैं।

सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने का उद्देश्य

उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली स्थित स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया ने दोनों की तत्काल रिहाई की मांग की है, संगठन की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि राज्य सरकार यह कवायद अपने राजनीतिक हितों की सेवा करने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से कर रही है, जिसमें मीडिया का एक वर्ग भी शामिल है।

मौलाना उमर शरीफ शुक्रवार को मीडिया के सामने आए

बच्चों के लिए विशेष नमाज अदा करने के आरोपों के बाद चर्चा में आए नूरुल हुडा स्कूल के मालिक मौलाना उमर शरीफ शुक्रवार को मीडिया के सामने आए, उन्होंने बताया कि वह मोहम्मद उमर गौतम को पिछले 10-12 साल से जानते हैं, वह एक शिक्षाविद् के रूप में स्कूल आया करते थे, उमर गौतम फतेहपुर के कई लोगों के संपर्क में था और वह उनसे मिलने आया करता था, उन्होंने धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने के शिक्षक के आरोप को खारिज कर दिया।

सेमिनारों का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना

मौलाना उमर शरीफ ने कहा कि वह मोहम्मद उमर गौतम को पिछले 10-12 साल से जानते हैं, स्कूल में आयोजित होने वाले एकेडमिक सेमिनार में उनका आना जाना लगा रहता था, इसमें बाहर से लोग और बच्चे भी आते थे, इन सेमिनारों का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना था, कई अन्य विद्वान भी आए, उमर गौतम खुद को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह का रिश्तेदार बताते थे।

उमर गौतम से जुड़ाव केवल एक शिक्षाविद् के रूप में था

उमर गौतम से जुड़ाव केवल एक शिक्षाविद् के रूप में था, उसके मामले से कोई लेना-देना नहीं है, एक प्रतिष्ठित क्षत्रिय घराने से ताल्लुक रखने वाले, जिले के सभी ठाकुरों और मुस्लिम घरानों से उनके संपर्क हैं, शिक्षिका कल्पना सिंह के आरोपों को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल के 60 फीसदी छात्र हिंदू हैं, 80 प्रतिशत कर्मचारी हिंदू शिक्षक हैं, वह किसी भी तरह की जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।

डीएम को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने फतेहपुर के डीएम को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है कि क्या अन्य धर्मों के बच्चों को विशेष पूजा करने के लिए मजबूर किया गया या किसी का धर्म परिवर्तन किया गया है।

एटीएस करेगी मामले की जांच

वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के अमौली गांव निवासी युवक अमित मौर्य के धर्म परिवर्तन मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई है, फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अमित पिछले दो साल से किसके संपर्क में रहा है, यूपी एटीएस ने उमर गौतम और जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया है और दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य शहरों में एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण करने वाले दस्तावेज जब्त किए हैं।

अमित ने 15 फरवरी 2020 को इस्लाम धर्म अपना लिया

एक रजिस्टर में उन लोगों के नाम, पते और अन्य विवरण होते हैं, जिन्होंने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम धर्म अपना लिया, इस रजिस्टर में वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के अमोली गांव के अमित कुमार मौर्य का भी नाम दर्ज है, धर्म परिवर्तन के रूप और वचन के अनुसार, अमित ने 15 फरवरी 2020 को इस्लाम धर्म अपना लिया।

एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि युवक ने मुस्लिम लड़की से शादी कर उमरा में धर्म परिवर्तन किया था, लेकिन उन्होंने अपना नाम नहीं बदला है, नौकरी और अन्य जगहों पर उनका हिंदू नाम चल रहा है।

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