अपराध

गैंगस्टर छोटा राजन की कोरोना से मौत का दावा झूठा, एम्स ने किया निधन की रिपोर्ट का खंडन

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत की रिपोर्ट झूठी निकली है। एम्स के एक अधिकारी ने उसके जिंदा होने की पुष्टि की। छोटा राजन को कोविड संक्रमण के इलाज के लिए हाल ही में एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छोटा राजन तिहाड़ जेल में रहने के दौरान कोरोना पॉजिटिव हो गया था। छोटा राजन को 27 साल फरार रहने के बाद नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से भारत लाया गया था। कोरोना से निधन का दावा झूठा ।

छोटा राजन पर 65 से ज्यादा मामले दर्ज थे

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव

निखलजे था। उसका जन्म मुंबई के चेंबूर इलाके के

तिलक नगर बस्ती में हुआ था। स्कूल छोड़ने के बाद

छोटा राजन ने मुंबई में मूवी टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया।

इस बीच, वह राजन नायर गिरोह में शामिल हो गया।

नायर को अंडरवर्ल्ड की दुनिया में 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था।

समय के साथ, राजेंद्र (छोटा राजन) बड़ा राजन का करीबी बन गया और उसकी मौत के बाद गिरोह का सरगना बन गया। जब छोटा राजन फरार था, तब भारत में 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। ये मामले गैरकानूनी वसूली, धमकी, हमले और हत्या के प्रयास के थे। उस पर 20 से अधिक लोगों की हत्या का आरोप था।

ऐसे हुई दाऊद से मुलाकात

राजन नायर गैंग में काम करने के दौरान उन्हें छोटा राजन कहा जाने लगा। इस दौरान वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से परिचित हो गया। दाऊद के साथ आने के बाद उसके अपराध का ग्राफ बढ़ गया था। दोनों ने मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी जैसे काम करना शुरू कर दिया। 1988 में, राजन दुबई चले गए।

इसके बाद, दाऊद और राजन ने दुनिया भर में अवैध काम करना शुरू कर दिया, लेकिन 1993 में बाबरी की घटना के बाद, जब मुंबई में सीरियल बम धमाके हुए, राजन ने अपना रास्ता बना लिया। जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दुश्मन बन गया । उसने खुद को दाऊद से अलग कर लिया और एक नया गिरोह बना लिया।

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