मैसूर कोर्ट ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को दोषी करार दिया। 2016 के मैसूर कोर्ट ब्लास्ट मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए तीन आतंकवादी अल कायदा से जुड़े हुए हैं और ये सभी तमिलनाडु के निवासी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में जांच एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
आपको बता दें कि साल 2016 में कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी मैसूर के स्थानीय अदालत परिसर के सार्वजनिक शौचालय में भीषण धमाका हुआ था। उस समय कोर्ट की कार्यवाही चल रही थी। विस्फोट में दो लोगों को मामूली चोटें आई हैं। विस्फोट से खिड़की के शीशे टूट गए। जिसकी वजह से शहर के सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई थी ।
विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए। क्योंकि जब कोर्ट परिसर में धमाका हुआ तब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे राकेश सिद्धारमैया का अंतिम संस्कार हो रहा था और इसमें शामिल होने के लिए राज्य के तमाम वीवीआईपी मैसूर में मौजूद थे। इनमें पुलिस प्रमुख से लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तक शामिल हैं। कहा जाता है कि कड़ी सुरक्षा के चलते उन्हें उस जगह विस्फोट करने का मौका नहीं मिला और ऐसे में कोर्ट परिसर में विस्फोटक फेंका गया।