मुंबई के पश्चिम मलाड के न्यू कलेक्टर कंपाउंड में बीती रात 11 बजे के करीब रिहायशी इमारतें ढह जाने से 11 लोगों की मौत है गई और 7 घायल हो गए है पुलिस के मुताबहिक पुलिस घटना की पूरी जांच करेगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी
वही रफी बताते हैं कि रात करीब 10 बजे वे दूध लेने के लिए बाहर गए थे। कुछ देर बाद लौटे तो इमारत जमींदोज हो चुकी थी। पहले तो उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ, लेकिन किसी तरह हिम्मत जुटा कर धूल के गुबार के बीच मलबा हटाने का प्रयास शुरू कर दिया। हालांकि, उनका यह प्रयास नाकाफी रहा और सुबह होते-होते उनके परिवार के 9 लोगों के शव उनकी आंखों के सामने थे।
रफी के परिवार के जिन 9 लोगों की मौत हुई उनमें उनकी पत्नी, भाई-भाभी और उनके 6 बच्चे थे। रफी का एक भतीजा तो सिर्फ डेढ़ साल का था। बदहवास हाल में वे पूरी रात वहीं बैठे रहे और अपनी आंखों के सामने अपनों के शवों को बाहर निकलते देखते रहे। उन्होंने बताया, 'हमें नहीं लगा था कि यह इमारत जर्जर हो चुकी है, नहीं तो हम इसे पहले ही छोड़ देते। रफी और उनके भाई पूरे परिवार के साथ इमारत के तीसरे फ्लोर पर छोटे-छोटे तीन कमरों में रहते थे।
CM उद्धव ठाकरे भी बेटे के साथ मुंबई के शताब्दी हॉस्पिटल घायलों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे
भाजपा नेता राम कदम इस हादसे के लिए शिवसेना को जिम्मेदार बता रहे हैं। वे कहते हैं, 'यह दुर्घटना शिवसेना शासित BMC की लापरवाही के कारण हुई है। यह हादसा नहीं हत्या है।' हादसे के बाद पीड़ितों को मरहम लगाने के लिए सरकार ने 5-5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया। CM उद्धव ठाकरे भी बेटे के साथ मुंबई के शताब्दी हॉस्पिटल घायलों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे