राजस्थान में सेना के जवान को लेकर हनी ट्रैप के मामले पहले भी कई बार सामने आये है। हाल ही में एक और हनी ट्रैप का राजधानी जयपुर से मामला सामने आया है। सेना के जवान शांतिमोय राणा (24) निवासी गांव कंचनपुर जिला बागुंडा पश्चिम बंगाल को सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी जवान सोशल मीडिया के माध्यम से महिला एजेंट को सेना के सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा था।
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा राजस्थान में की जा रही जासूसी गतिविधियों पर ऑपरेशन सरहद के तहत सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा लगातार निगरानी रखी जाती है। इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि सेना का जवान शांतिमोय राणा सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया हैंडलर्स के निरंतर संपर्क में है।
इंटेलिजेंट जयपुर की टीम द्वारा जवान की गतिविधियों पर निगरानी रखी गई तो पाया कि वह हनीट्रैप और पैसों के प्रलोभन में आकर सोशल मीडिया के माध्यम से पाक महिला एजेंट को सेना की सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा था। इस पर 25 जुलाई को शांति मोय राणा को हिरासत में लिया गया।
राजस्थान में आठ महीने में हनीट्रैप के 17 से अधिक मामले सामने आए। ISI की खूबसूरत लड़कियां सोशल मीडिया के सहारे जवानों को अपने झांसे में लेती हैं। जाल में फंसाकर सेना के मूवमेंट और नए हथियारों के बारे में सुराग लेती हैं।
डीजी मिश्रा ने कहा कि संयुक्त पूछताछ केंद्र जयपुर पर आरोपी जवान से विभिन्न आसूचना एजेंसियों द्वारा पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपी जवान ने बताया कि वह साल 2018 से भारतीय सेना में है। काफी समय से व्हाट्सएप चैट तथा व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के द्वारा महिला पार्क एजेंट के संपर्क में हैं।
मिश्रा ने बताया कि गुरनुर कौर उर्फ अंकिता छद्म नाम की महिला ने अपने आप को शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश निवासी व वहीं मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में कार्य करना तथा एक अन्य छद्म नाम निशा ने मिलट्री नर्सिंग सर्विस का होना बता जवान को हनी ट्रैप व पैसों का लोभ देकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज के फोटोग्राफ एवं युद्ध अभ्यास के वीडियो मांगे। प्रलोभन में आकर आरोपी जवान अपनी रेजिमेंट की गोपनीय दस्तावेज व युद्धाभ्यास के वीडियो सोशल मीडिया के जरिए पाक महिला एजेंटों को भेज रहा था। जिसके लिए उसे पाक महिला एजेंट द्वारा बैंक खाते में धनराशि भेजी गई।
डीजी मिश्रा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ एवं मोबाइल फोन की तकनीकी विश्लेषण में तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के विरुद्ध शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।