अपराध

KANPUR CRIME UPDATE : विकास दुबे की तलाश में IB मैदान में, सभी बॉर्डर सील

अगले 24 घंटों में गैंगस्टर का पता नहीं चला तो राज्य सरकार पता बताने वाले को भारी इनाम देने की घोषणा कर सकती है

Ranveer tanwar

डेस्क न्यूज.  देश की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) kanpur में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के वांछित अपराधी विकास दुबे का पता लगाने के अभियान में शामिल रही है। खुफिया ब्यूरो के अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को अपराधी दुबे को खोजने में मदद कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस गैंगस्टर के नाम लगभग 60 मामले दर्ज हैं।

इसके अलावा, उनके पास राजनीतिक संरक्षण भी है। सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स को संदेह है कि गैंगस्टर चंबल के बीहड़ों में छिपे हो सकते हैं। उन्होंने दुबे के ठिकाने का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस से भी मदद मांगी है।

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दुबे का कई राज्यों के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसी यूपी पुलिस से गहरा नाता

पुलिस उसके ठिकाने की तलाश कर रही है। अगर आगामी 24 घंटों के अंदर उसका पता नहीं चल पाता है, तो राज्य सरकार उसका पता बताने वाले को भारी इनाम देने की घोषणा कर सकती है। जांच के दौरान यह पता चला है कि दुबे का कई राज्यों के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसी यूपी पुलिस से गहरा नाता था। एक शीर्ष IPS अधिकारी ने कहा कि यूपी में बदमाशों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच सभी गठजोड़ का खुलासा किया जाएगा। इस बीच, आईजी ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय थानों के पुलिसकर्मियों की जांच चल रही है कि विकास को दबिश के बारे में कैसे पता चला। जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर हत्या का आरोप लगाया जाएगा।

 गांव में वर्षों तक खुद या परिवार के लोग प्रधान चुने गए

कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर इलाके में एक दुस्साहसिक घटना में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल विकास दुबे के एक सहयोगी को पुलिस ने रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। बिकरू कांड में शामिल दो बदमाशों को पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों के भीतर मार दिया था, जबकि जीवित हालत में बदमाश की यह पहली गिरफ्तारी है। बिकरू गांव में डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों को मार डालने की घटना के बाद विकास दुबे की क्राइम हिस्ट्री और उसकी राजनीतिक पहुंच के बूते पुलिस के शिकंजे से बार-बार बच जाने की खबरें अब विस्तार से मीडिया में आ रही हैं.

अब महत्वाकांक्षा विधायक बनने की थी

विकास दुबे के विवरणों से अखबार भरे पड़े हैं. इनमें बताया गया है कि उसके ऊपर 60 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. उसने थाने में घुसकर दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ल की हत्या कर दी थी और इस मामले में उसके खिलाफ गवाही देने के लिए पुलिस वाले तक तैयार नहीं हुए. एक तरफ वह अपराध पर अपराध करता रहा, तो दूसरी तरफ राजनीति की सीढ़ियांं भी चढ़ता रहा. गांव में वर्षों तक खुद या परिवार के लोग प्रधान चुने गए.

पत्नी जिला पंचायत सदस्य बनीं. इस दौरान उसके भाजपा, बसपा से लेकर हर दल में अच्छे संबंध बने रहे. बसपा राज में वह काफी फला-फूला. वह कानपुर जिले की राजनीति का अहम हिस्सा था. अब उसकी महत्वाकांक्षा विधायक बनने की थी.

ज्यादा संभावनाएं हैं कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस क्षेत्र में हो रही गोलबंदी का नतीजा मुठभेड़ के रूप में सामने आया और आठ पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी.

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