जयपुर में फर्जी लेफ्टिनेंट कर्नल अमर सिंह और वर्दी के अलावा विजिटिंग कार्ड, पहचान पत्र समेत सेना का सामान
जयपुर में फर्जी लेफ्टिनेंट कर्नल अमर सिंह और वर्दी के अलावा विजिटिंग कार्ड, पहचान पत्र समेत सेना का सामान  
अपराध

फर्जी लेफ्टिनेंट कर्नल की कहानी: वर्दी का रौब ऐसा कि कैंटीन का सामान व सैल्यूट मिला, 4 साल NCC में अफसर के तौर तरीके सीखे, सपना टूटा तो अपनाया गलत रास्ता

Deepak Kumawat

नाम अमर सिंह

रैंक- लेफ्टिनेंट कर्नल

अंजाम- जेल की सलाखें

ये परिचय है एक ऐसे युवा का जो दिल से सैनिक है मन से सैनिक है उसके तन पर वर्दी भी सैनिक की ही है लेकिन फिर भी उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा। वर्दी के साथ सेना वाला रौब लिए अमर सिंह जयपुर के आर्मी एरिया में बेधड़क एंट्री मारता,कैंटीन से जरुरत का सामान खरीदता, सुबेदार हवलदार सब सैल्यूट मारते तो अफसर वाले अंदाज में जवाब भी देता। हर तौर तरीका अफसर वाला था लेकिन मामला फर्जी था तो पोल खुल गई,और पोल भी ऐसी खुली कि सेना की इंटेलिजेंस भी चक्करा गई। क्यों कि सबसे सिक्योर एरिए में इस तरह एक दो घंटे नहीं बल्कि कई दिनों तक वो बेखौफ अफसर बनकर घूमता रहा।

अमर सिंह के कंधों पर कभी आर्मी की वर्दी सज ना सकी
अब सवाल उठना लाजमी था कि ये सब अमर सिंह ने किया कैसे तो आप जानकार हैरानी होगी कि इसके पीछे है एक टूटा हुआ सपना। दरअसल अमर सिंह सेना में अफसर बनना चाहता था क्यों उसके मामा और चाचा देश के जाबांज सैनिक रह चुके हैं। अमर सिहं ने 4 साल तक सेना की देसी टुकड़ी कही जाने वाली एनसीसी में जमकर पसीना बहाया। यहीं से उसने हर वो अंदाज सीखा जो आर्मी अफसर के व्यक्तित्व का हिस्सा होता है लेकिन अमर सिंह के कंधों पर कभी आर्मी की वर्दी सज ना सकी वो सिर्फ एक एनसीसी का सर्टीफिकेट धारी कैडेट बनकर रह गया।

दिल जरुर टूट गया था लेकिन हौंसला नहीं

अमर सिंह का दिल जरुर टूट गया था लेकिन हौंसला नहीं और यही वो पल था जब वो गलत रास्ते पर निकल गया। अपने मामा और चाचा के सैनिक होने का पूरा फायदा उठाया। लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी सिलवाई, कई फर्जी दस्तावेज बनवाए साथ ही मोहर भी बनवाई,इनकी बदौलत वो सेना की कैंटीन से खरीदारी भी करता था। अमर सिंह के पास से वर्दी के अलावा विजिटिंग कार्ड, पहचान पत्र समेत सेना का और भी साजो सामान मिला है।

सवाल करने पर छुट्टी पर रहने की बात कहकर बात खत्म करता
अमर सिंह राजस्थान के अलवर जिले की बहरोड़ का रहने वाला है लेकिन अब वो कानून के शिकंजे में आचुका है। दरअसल जयपुर मिलिट्री इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि जयपुर का एक युवक, जिसकी उम्र महज 23 साल है, शहर में लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी में घूम रहा है। उनसे जब भी कोई सवाल करता तो छुट्टी पर रहने की बात कहकर बात खत्म कर देता। जयपुर मिलिट्री इंटेलिजेंस के मुताबिक अमर सिंह ने सेना की सुरक्षा को तोड़ा है, जो अपने आप में एक बड़ा अपराध है।

शायद ही अमर कभी इंडियन आर्मी का हिस्सा बन पाए

जयपुर आर्मी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने सिन्स इंडेपेंडेंस को बताया कि अमर सिंह के मामा सेवानिवृत्त सिपाही धर्मचंद यादव और चाचा जगमल सिंह हवलदार हैं। आरोपियों के पास से जगमल सिंह के बेटे राहुल और मोहन की आर्मी कैंटीन के कार्ड मिले हैं। इसी के साथ वो आर्मी कैंटीन में शॉपिंग करता था। आरोपी ने खुद का फर्जी लेफ्टिनेंट कार्ड भी बनाया था। अधिकारियों का कहना है कि अमर के चाचा और मामा से भी पूछताछ की जाएगी। अमर सिंह के सेना से लगाव पूरी तरह जायज है लेकिन उसका रास्ता बिल्कुल भी जायज नहीं कहा जा सकता। अभी अमर सिंह जमानत पर बाहर है लेकिन अब शायद ही वो कभी इंडियन आर्मी का हिस्सा बन पाए।

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