44 साल की रेशमा ने मुंबई के अंधेरी इलाके के चांदीवाली में अपने 7 साल के बेटे गरुण के साथ 12वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. इससे दोनों की मौत हो गई। रेशमा पूर्व पत्रकार थीं और उनके पति की भी एक महीने पहले कोरोना से मौत हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक रेशमा ने पड़ोसी के तानों से तंग आकर
आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में रेशमा ने अपने पड़ोसी
अयूब खान और उसके परिवार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित
करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने अयूब को गिरफ्तार कर लिया है।
रेशमा ने कहना था कि पड़ोसियों ने उसके बेटे के खेलने का विरोध किया और अक्सर उससे झगड़ा किया। रेशमा ने 30 मई को फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में भी इसका जिक्र किया था।रेशमा ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी, लेकिन उसका अंतिम संस्कार अभी बाकी है क्योंकि परिवार का कोई सदस्य मुंबई में नहीं है। इसलिए पुलिस रेशमा के भाई के अमेरिका से लौटने का इंतजार कर रही है।
रेशमा के सुसाइड नोट के आधार पर साकीनाका पुलिस ने अयूब के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है. जोनल डिप्टी कमिश्नर महेश्वर रेड्डी ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार ने भी रेशमा के बच्चे के शोर मचाने की शिकायत अपनी सोसाइटी से की थी. इसके बाद सोसाइटी ने दोनों परिवारों को बुलाकर समझौता भी करवाया था
वहीं, अयूब ने अपनी सफाई में कहा है कि उनके परिवार के एक सदस्य को गंभीर बीमारी है और वह रेशमा के बच्चे के शोर के कारण सो नहीं पा रहे थे। इसलिए उन्होंने सोसायटी से शिकायत की।
रेशमा के पति शरद एक ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी में काम करते थे। शरद के माता-पिता वाराणसी में रहते थे, लेकिन दोनों की मौत कोरोना से हुई। शरद जब इलाज के लिए वाराणसी गए तो वह भी संक्रमित हो गए। चार हफ्ते के इलाज के बाद 23 मई को शरद की मौत हो गई। पति की मौत के बाद रेशमा बहुत परेशान थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि कैसे उनके पति के जाने के बाद जिंदगी बदल गई और उन्हें किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।