आखिर में उसने चार अफसरों के सामने खुद को गोली मार ली। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। 
अपराध

छुट्टी न मिलने से परेशान जवान ने आईजी के सामने ठोडी पर मशीन गन रख खुद को गोली मारी,उससे पहले पत्नी-बेटी को 18 घंटे तक बंधक बनाकर रखा

पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़,सीआरपीएफ डीआईजी भूपेंद्र सिंह, डीसीपी अमृता दुहन,और एसीपी राजेंद्र दिवाकर सहित अन्य अधिकारी कल आधी रात तक प्रयास करते रहे

Ranveer tanwar

राजस्थान जिले के जोधपुर में अपने ही परिवार को बंधक बनाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)के जवान ने खुद को गोली मारी। पुलिस कमिश्नर रवि दत्त गौड़ ने नरेश जाट की मृत्यु की पुष्टि की है। मृतक जवान CRPF डीआईजी के साथ विवाद से परेशान चल रहा था। कल शाम 6 बजे से खुद को अपने ही घर में कैद कर लिया था। हवाई फायर के साथ कल से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कैद था। इसको लेकर कल भी समझाइश का दौर चला था। उसके बाद आज सुबह भी समझाइश का दौर चला था।

लेकिन समझाइश से कही बात बनती नजर नहीं आ रही थी। इसी बीच नरेश ने खुदको गोली मार जीवन लीला समाप्त कर ली। मिली जानकारी के अनुसार छुट्टी नही मिलने से जवान नरेश का डीआईजी से विवाद चल रहा था। पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़,सीआरपीएफ डीआईजी भूपेंद्र सिंह, डीसीपी अमृता दुहन,और एसीपी राजेंद्र दिवाकर सहित अन्य अधिकारी कल आधी रात तक प्रयास करते रहे।

लगातार आला अधिकारियों का आना - जाना लगा रहा लेकिन किसी की बात नहीं माना जवान
कमिश्नर रवि गौड़ ने बताया कि कल शाम से समझाइश का दौर चल रहा है। पाली से मां-बाप को बुलाया गया था। जयपुर से भी अधिकारी रवाना हो गए थे। फोन पर उससे समझाया जा रहा था। सुबह पिता को अपने पास आने को कहा। लेकिन, इसके बाद मना कर दिया। समझाइश चल रही थी कि उसने ठोडी पर मशीन गन रखकर खुद को गोली मार दी। कमिश्नर ने बताया कि पत्नी और बच्चे दोनों सुरक्षित है।
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कई बार समझाइश के बाद भी नहीं माना जवान और गोली मारकर जीवन को समाप्त कर लिया

जवान नरेश के भाई, पिता और दोस्त के माध्यम से भी समझाइश की कोशिश की गई लेकिन बात कही नहीं बनी। गौरतलब है कि शहर के दइजर स्थित केंद्रीय सुरक्षा रिजर्व बल प्रशिक्षण केंद्र में रविवार को दहशत का माहौल बन गया था। देर रात तक पुलिस की आलाधिकारी ट्रेनिंग सेंटर पर मौजूद रहे और जवान को समझाने के साथ बाहर लाने का प्रयास करते रहे।

इस जवान के पिता और दोस्तों को भी वहां पर बुलाया गया है। बताया जा रहा है की जवान ने उस समय आठ-दस फायर किए। वही उससे मनोवैज्ञानिक ढंग से समझाइश कर बाहर बुलाने का जतन किया गया था। लेकिन कई बार समझाइश के बाद भी नहीं माना जवान और गोली मारकर जीवन को समाप्त कर लिया।

सीआरपीएफ के इस जवान के कदम को आप कितना जायज मानते है कमेंट बॉक्स में जरूर बताये ?

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