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Lakhimpur Kheri Update: विवाद की जड़, अजय मिश्र ने किसानों से कहा था- “सुधर जाओ, वरना हम सुधार देंगे, दो मिनट लगेंगे”

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- संपूर्णानगर के किसान गोष्ठी से लखीमपुर में बवाल की आग सुलगने लगी थी। 25 सितंबर को लखीमपुर जाते समय किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को काले झंडे दिखाए थे। इससे अजय मिश्र नाराज हो गए। उन्होंने जनसभा में कहा कि अगर हम कार से उतर जाते तो उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं होता। सिर्फ 10-15 लोग ही कृषि कानून के खिलाफ शोर मचा रहे हैं। मिश्र ने कही कि "सुधर जाओ, वरना हम सुधार देंगे, दो मिनट लगेंगे"। किसान एक सप्ताह से इस बात का विरोध कर रहे हैं।

25 को किसानों ने अजय मिश्रा को दिखाए थे काले झंडे

आपको बता दें कि 25 सितंबर को संपूर्णनगर में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था। संपूर्णनगर क्षेत्र में उनके आगमन पर, किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को गडनिया चौराहे और ढाहापुर गुरुद्वारे के पास काले झंडे दिखाए। उनके पोस्टर-बैनर भी फाड़े गए। पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया तो मारपीट हो गई। लेकिन पुलिस ने इस विवाद को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और अंदर ही अंदर विरोध की आग सुलगती रही। और रविवार को किसान को मिश्रा के बेटे ने कार से कुचलकर मार डाला तो मामला गरमा गया और कुछ ही देर में विवाद ने बवाल का रूप ले लिया।

मंत्री का ये बयान हंगामे की जड़ बन गया

बताया जाता है कि संपूर्णनगर में किसान गोष्ठी के संबोधन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि कुछ लोग किसानों को भड़का रहे हैं। किसानों के हित में लाए गए तीन कृषि कानूनों को काला कानून कहा जा रहा है, लेकिन तीन कृषि कानूनों में काला क्या है, यह कोई नहीं बता पा रहा है। इस दौरान उन्होंने एक सभा में अपने ही विरोध का जिक्र करते हुए मंच से कहा, 'प्रदर्शनकारियों आओ और सामना करो, हम तुम्हें सुधार देंगे। मैं सिर्फ मंत्री या सांसद नहीं हूं, जो मेरे बारे में जानते हैं उन्हें पता होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं। जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार कर लिया, उस दिन पलिया नहीं लखीमपुर खीरी भी छोड़ना पड़ जाएगा। यह याद रखना।'

वायरल हो रहा वीडियो

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बयान का वीडियो 25 सितंबर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। चर्चा है कि उनके इस बयान के बाद से ही किसानों में उनके प्रति गुस्सा था, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा था। रविवार को हुए बवाल के बाद यह वीडियो एक बार फिर चर्चा में आया और तेजी से वायरल हो गया। लोगों का कहना है कि मंत्री का यह बयान पूरे हंगामे की जड़ बना।

केस दर्ज होने के बाद मामला गर्म हो गया

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को गडनिया और धाहापुर में किसानों ने काले झंडे दिखाए। इस घटना के अगले ही दिन 26 सितंबर को अमनीत सिंह और उसके दो साथियों के खिलाफ धहापुर में मामला दर्ज किया गया था। दूसरा मामला महेंद्र सिंह समेत 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ गदनिया में दर्ज किया गया। आरोप था कि अमनीत ने काले झंडे दिखाने का वीडियो वायरल किया था। किसी ने कोविड 19 के नियमों का पालन तक नहीं किया। इसके बाद मामला और गर्म हो गया।

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