अपराध

2001 में राज्यमंत्री की हत्या करने के बाद गैंगस्टर बना था विकास दुबे

Ranveer tanwar

क्राइम डेस्क न्यूज. उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये,  जबकि सात घायल हैं। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायण सिंह ने आज सुबह यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गुरुवार देर रात पुलिस उपाधीक्षक बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर,चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की पुलिस टीमें अपराधी विकास दुबे को पकड़ने विकरु गांव पहुंची थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए

ये पुलिस के जवान शहीद हुए

घेराबंदी करते हुए बदमाश की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। इसी बीच बदमाशों ने छत पर चढ़कर पुलिस पर गोलीबारी शुरू दी। इस घटना में पुलिस उपाधीक्षक बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र के अलावा शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश यादव, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार, शिवकराजपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक ने बूलाल, चौबेपुर थाने में तैनात कांस्टेबल सुल्तान सिंह ,बिठूर थाने में तैनात कांस्टेबल राहुल,जितेंद्र और बबलू शहीद हो गये।

बदमाशों को पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगाया

इस घटना में सात पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है। सभी को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।पुलिस महानिदेशक जय नारायण सिंह ने बताया कि बदमाशों को पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगाया गया है।  सूत्रों के अनुसार तीन बदमाशों को मारने की खबर है।

विकास दुबे ने कैसे जुर्म की दुनिया में कदम रखा, जानें

कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का नाम साल 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में आया था। कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रह कर साजिश रचने का आरोप है। मगर, साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या करने के बाद वह नामी बदमाश बन गया।

कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी

इसके अलावा साल 2004 में हुई केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आरोपी है। उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है। इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है।

2002 में जब मायावती की सरकार के दौरान विकास दुबे ने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ और गैर कानूनी तरीकों से संपत्ति बनाई

साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। उसने माती जेल में बैठकर पूरी साजिश रची थी, जिसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास सहित चार लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज करवाया था। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की राजनीतिक दलों में पकड़ है। साल 2002 में जब मायावती की सरकार के दौरान विकास दुबे ने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ और गैर कानूनी तरीकों से संपत्ति बनाई। इसके ऊपर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

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