डेस्क न्यूज. महात्मा गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के कारण गिरफ्तार कालीचरण महाराज को पुणे की एक अदालत से 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई। हालांकि वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में रहेंगे। पुणे पुलिस कालीचरण महाराज को वापस छत्तीसगढ़ भेज रही है। पुणे की अदालत ने कालीचरण महाराज को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भी भेजा था।
पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते हिरासत में लिए जा चुके कालीचरण महाराज
यह कोई पहला मामला नहीं है जब कालीचरण महाराज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी भड़काऊ भाषण देने के कारण रायपुर पुलिस ने हिरासत में लिया था। 26 दिसंबर को रायपुर में धर्म संसद के आखिरी दिन कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।
राष्टपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक बातें कहने के आरोप में कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत धनंजय सारंग को हिरासत में लेने के बाद एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हाल ही में छत्तीसगढ़ के रायपुर की एक अदालत ने कालीचरण महाराज को ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र ले जाने की अनुमति दी थी। उन्हें छह जनवरी तक पुणे की एक अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में दो दिन की धर्म संसद का आयोजन किया गया था जिसमें समापन के दौरान कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ कुछ ऐसा बोला जिसके बाद देश में बवाल हो गया। महात्मा गांधी पर बोले गए अपमानजनक शब्द का और गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ करने पर कालीचरण चौतरफा गिर गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रायपुर की इस धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने लोगों से धर्म की रक्षा के लिए सरकार के मुखिया के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता को चुनने के लिए भी कहा।
रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (आपत्तिजनक अधिनियम) और 505 (सार्वजनिक रूप से विवादित करने वाला बयान) के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में इस मामले में 124A के तहत देशद्रोह और चार अन्य धाराएं भी जोड़ी गईं।