आजमगढ़ पुलिस ने हुसैनगंज में विधानसभा मार्ग स्थित बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी की जमीन को कुर्क कर लिया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई यह जमीन करीब 194 वर्ग मीटर है और इसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है | पहले इस जमीन पर पेट्रोल पंप चल रहा था। पुलिस के मुताबिक यह जमीन नजूल की है, जिसे फर्जी दस्तावेजों के साथ मुख्तार की पत्नी के नाम पर अवैध रूप से बेचा गया था।
बता दें कि मुख्तार के खिलाफ आजमगढ़ के तरवान थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। आजमगढ़ डीएम के आदेश पर जांचकर्ता प्रशांत श्रीवास्तव टीम के साथ इस जमीन को कुर्क करने लखनऊ आए थे। जांचकर्ता ने डीएम कार्यालय से कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं। इसके बाद टीम विधानसभा मार्ग स्थित पेट्रोल पंप के पास मुख्तार की पत्नी के नाम खरीदी गई जमीन पर पहुंच गई. टीम में सदर तहसीलदार, एलडीए तहसीलदार, निरीक्षक हुसैनगंज अजय कुमार सिंह व आजमगढ़ टीम प्रभारी एवं अन्वेषक प्रशांत श्रीवास्तव मौजूद थे।
कुर्की की कार्रवाई को लेकर तहसीलदार ने पहले दुग्गी को पीटा, फिर माइक से कुर्की की कार्रवाई का ऐलान किया। इसके बाद इस मैदान पर तारों को बैरिकेडिंग कर नोटिस चस्पा किया गया। जांचकर्ता के मुताबिक इस कुर्क की गई जमीन की कीमत सर्किल रेट के हिसाब से करीब 1.5 करोड़ रुपये है, जबकि इसकी कीमत सामान्य तौर पर करीब 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस जमीन का प्रशासक एलडीए और कस्टोडियन इंस्पेक्टर हुसैनगंज अजय कुमार सिंह बनाया गया है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार यह जमीन 22 अगस्त 2007 को मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा के नाम दर्ज हुई थी. यह जमीन नजूल की बताई जा रही है। सुनील चक नाम के शख्स ने नजूल की जमीन का एक हिस्सा मुख्तार अंसारी को बेच दिया। कुर्की की कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने इस जमीन पर अपना हक जताने के लिए बोर्ड लगा दिया है। मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद हैं। आजमगढ़ पुलिस ने बताया कि मुख्तार ने अपराध से अर्जित संपत्ति से यह जमीन खरीदी थी। मुख्तार के खिलाफ साल 2020 में तरवान थाने से गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
मुख़्तार अंसारी पूर्वांचल में कभी खौफ का दूसरा नाम था। इसके डर से कई माफियाओं को दूसरे प्रदेशों में पनाह लेनी पड़ी थी। बीजेपी के बाहुबली विधायक को दिन दहाड़े सैकड़ो राउंड गोलियों से छलनी कर फैला दी थी सनसनी। उसके बाद पूर्वांचल में कोई अंसारी के सामने खड़े होने की हिम्मत न कर सका। बनारस के कोयला व्यापारी और विहिप कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण के मामले में तो आज तक उनकी बॉडी नहीं मिली। इस अपहरण में भदोही के बाहुबली विजय मिश्रा का भी नाम आया था। इसके अलावा मऊ में हुए दंगो में भी अंसारी पर दंगे भड़काने के आरोप लगे थे।