8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर पायलट की गलती के कारण तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हेलिकॉप्टर में कोई तकनीकी खराबी, साजिश या लापरवाही नहीं थी। यह बात तीनों सर्विस की संयुक्त जांच ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की शुरुआती रिपोर्ट में सामने आई है।
भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है। इसके मुताबिक अचानक मौसम में बदलाव और बादलों के आने से पायलट गलती से पहाड़ियों से टकरा गया।
हेलीकॉप्टर हादसे के बारे में चश्मदीद ने बताया था कि हेलीकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा था। इसके बाद उसमें आग लग गई। एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा था। घटना के एक और अन्य चश्मदीद कृष्णास्वामी ने बताया था- 'मैं अपने घर में था। तभी तेज आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने बाहर आकर देखा तो एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त दिखा। यह एक के बाद एक दो पेड़ों से टकराया। इसके बाद उसमें आग लग गई।
CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर जो दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसे 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी का एक दल उड़ा रहा था। हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले पायलट और उसका पूरा दल अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे। वह 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी के थे। इसके बाद भी हेलिकॉप्टर क्रैश क्यों हुआ? इस सवाल के जवाब का इंतजार न सिर्फ सरकार बल्कि आम जनता को भी हादसे के बाद से था।
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