Defence

Pakistan-China की साजिश : पाक ने LOC पर तैनात किये 20000 जवान

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़ – (POK) Pakistan के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में Pakistan में LOC पर अपने 20,000 जवानों को तैनात किया है। दूसरी ओर, चीनी अधिकारी जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए आतंकवादी संगठन अल-बद्र से बात कर रहे है। खुफिया एजेंसियों द्वारा ये जानकारी मिली। ये सब इस बात को दर्शाता है की चीन पाकिस्तान के साथ सीमा पर  साजिश रच रहा है।

LOC पर Pakistan और LAC पर चीन 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बार पाकिस्तान ने जिन सैनिकों को तैनात किया है, उनकी संख्या बालाकोट हवाई हमले के बाद सीमा पर तैनाती से अधिक है।
वहीं, pakistan की वायु रक्षा रडार भी पूरे इलाके पर 24 घंटे निगरानी रख रही है। इस वक़्त pakistan और चीन सीमा पर सैनिकों की तैनाती और आतंकवादियों को उकसाने के प्रयासों के कारण भारत को दोहरे मोर्चे पर लड़ना होगा और ज़्यादा सतर्क रहना होगा।

                                                   चीन की कटपुतली पाकिस्तान 

सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में चीन और pakistan के सैन्य अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुई हैं। इसके बाद ही पाकिस्तान ने उत्तर में लद्दाख से सटे गिलगित-बाल्टिस्तान में 20 हजार सैनिकों को तैनात किया है।
देखा जाए तोह पाकिस्तान चीन की कटपुतली है और चीन के इशारो पर नाचने वाला बन्दर भी।
थोड़े दिनों पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें इस क्षेत्र में स्थित पाकिस्तान के स्कार्दू हवाई अड्डे पर चीन का हवाई ईंधन भरने वाला विमान उतरा था।

                                                 भारत को अधिक सेना की ज़रूरत

गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तानी सेना से निपटने के लिए भारत को अतिरिक्त सेना की ज़रूरत होगी।
चीन का मुकाबला करने के लिए भारत ने पहले ही पूर्वी लद्दाख में तकनिकी हतियारो समेत भारी रक्षा बल तैनात कर दिया है जिसमें वायु सेना और थल सेना शामिल है।

जम्मू और कश्मीर के अलग होने के बाद, गिलगित-बाल्टिस्तान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा बन गया है,

लेकिन अभी ये स्थान pakistan के कब्जे में है। यह क्षेत्र कारगिल-द्रास से जुड़ा हुआ है जहां भारतीय सेना ने 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकाल दिया था।

चीन कर रहा है यहां से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन

हाल के वर्षों में, पाकिस्तान ने यहां चीन के साथ कई परियोजनाएं शुरू की हैं और साथ में वे वहां से प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों का भी दोहन कर रहे हैं।
बलूचिस्तान के रेतीले इलाकों में यूरेनियम, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस, तांबा और कई अन्य धातुओं के भंडार छिपे हुए हैं। बलूचिस्तान के लोग इसका विरोध करते रहे हैं। बलूचिस्तान को एक अलग राष्ट्र के रूप में समर्थन देने वाले देशों में भारत और इज़राइल शामिल हैं।

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