डेस्क न्यूज़ – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के बलिदान और वीरता को याद किया और कहा, उनका बलिदान हमेशा "हमारे लिए प्रेरक शक्ति" के रूप में काम करेगा।
एमओएस रक्षा श्रीपाद नाइक और तीन सेवा प्रमुखों के साथ, आज सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के दौरान वीरतापूर्वक लड़े हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
"मैं 21 वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। हमारे सैनिकों द्वारा किया गया बलिदान हमेशा हमारे लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में काम करेगा,"
भारत हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाता है, जिस दिन हमने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों पर जीत हासिल की थी। यह दिन उन सैकड़ों भारतीय सैनिकों के स्मरण का दिन भी है, जो पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए इस युद्ध में मारे गए थे।
वही : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को इजराइल के अपने समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बेंजामिन गेंट्ज के साथ टेलीफोन पर बात की। इस दौरान, पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। सरकारी सूत्रों ने इस बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि बातचीत का मुख्य जोर मौजूदा रक्षा खरीद कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर था। सूत्रों ने बताया कि सिंह ने गेंट्ज को रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत द्वारा शुरू किए गए बड़े सुधारों के बारे में अवगत कराया।
इसके अलावा हथियारों तथा सैन्य उपकरणों के विकास में भारत की कंपनियों के साथ मिलकर व्यापक भागीदारी का भी आह्वान किया। विस्तार से जानकारी दिए बिना उन्होंने कहा कि बातचीत में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का भी मुद्दा उठा।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछले हफ्ते लद्दाख और फिर एलओसी दौरे पर भी गए थे। वहां, बॉर्डर से सटे अग्रिम चौकियों पर जाकर सुरक्षा इंतजाम का जायजा लिया था और सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया था। इस दौरान रक्षा मंत्री ने पोस्ट पर रखे गए सेना के हथियारों को चेक भी किए थे।
रक्षा मंत्री के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नॉर्थ हिल चौकी पहुंचे जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने सीमा पर हालात के संबंध में उन्हें जानकारी दी थी।