न्यूज – अभिजीत बनर्जी ने कर्ज की EMI माफ करने की वकालत की राहुल गांधी ने नोबेल विजेता इकोनॉमिस्ट के साथ किया संवाद उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए EMI का भुगतान सरकार करे,
नोबेल से सम्मानित इकोनॉमिस्ट डॉ. अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कर्ज की ईएमआई सिर्फ टालने से कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए ईएमआई पूरी तरह से माफ होनी चाहिए और इसका भुगतान सरकार को करना चाहिए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एक संवाद में भारतीय मूल के अर्थशास्त्री ने यह बात कही. इस संवाद का मंगलवार को कांग्रेस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारण किया गया.
बनर्जी ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम इसे एमएसएमई सेक्टर के लिए आसानी से कर सकते हैं और वह सही भी होगा कि हम कुछ समय के लिए कर्ज वसूली पर रोक लगा सकते हैं. हम इससे ज्यादा भी कर सकते हैं. हम यह भी कह सकते हैं कि इस तिमाही के कर्ज की अदायगी सरकार करेगी. तो आप इससे ज्यादा भी कर सकते हैं. सिर्फ कर्ज की अदायगी को आगे-पीछे करने के बजाए, इसे माफ ही कर दिया जाना सही रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'मांग में कमी का मसला है. दो चिंताएं हैं, पहली कि कैसे दिवालिया होने की चेन को टालें, कर्जमाफी एक तरीका हो सकता है. दूसरा है मांग में कमी का, और लोगों के हाथ में पैसा देकर अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाया जा सकता है. अमेरिका बड़े पैमाने पर ऐसा कर रहा है. वहां रिपब्लिकन सरकार है जिसे कुछ फाइनेंसर चलाते हैं. अगर हम चाहें तो हम भी ऐसा कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने सवाल किया कि अधिकतर गरीबों को छोटे और मझोले उद्योगों और कारोबारों में काम मिलता है- इन्हीं उद्योगों और कारोबारों के सामने नकदी की समस्या है- इनमें से बहुत से काम-धंधे इस संकट में दिवालिया हो सकते हैं. ऐसे में इन काम-धंधों के आर्थिक नुकसान का इनसे सीधा संबंध है क्योंकि इन्हीं में से बहुत से कारोबार इन लोगों को रोजगार-नौकरी देते हैं.
इसके जवाब में डॉ बनर्जी ने कहा,' यही कारण है कि हम जैसे लोग कहते हैं कि प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए. अमेरिका यही कर रहा है, जापान- यूरोप यही कर रहे हैं. हमने अभी तक इस बारे में कुछ फैसला नहीं किया है. हम अभी भी सिर्फ जीडीपी के 1% की बात कर रहे हैं. अमेरिका ने जीडीपी के 10% के बराबर पैकेज दिया है।