डेस्क न्यूज़- इस बार राज्य सरकार को केंद्र सरकार के करों में हिमाचल की हिस्सेदारी के रूप में केवल 367 करोड़ रुपये मिले हैं। केंद्र सरकार ने कर की यह राशि राज्य को भेजी है, लेकिन इसमें कटौती की गई है। हिमाचल को हर महीने केंद्रीय करों में लगभग 500 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन इस बार इस पैसे में भी कटौती की गई है। हालांकि राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन और भत्ते देने में कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि इसे पैसा मिल गया है, लेकिन कर की राशि कम हो गई है, यह कैसे पूरा होगा। हिमाचल की वित्तीय स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। यहां उनके करों से एकत्रित राशि सिर्फ 40 करोड़ रुपये है। इसमें 85 प्रतिशत की कटौती हुई है, सरकार कैसे काम चलाएगी।
ऐसी खस्ता वित्तीय स्थितियों में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों का कम हिस्सा भी भेजा है, जो यहां लॉकडाउन की मार झेल रहा है। यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जिस पर अब अधिकारी भी पूछ रहे हैं कि लॉकडाउन खोला जाए। अधिकारियों का कहना है कि हिमाचल में कोरोना के जितने मामले नहीं हैं और स्थिति नियंत्रण में है, इसलिए यहां लॉकडाउन खोलकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जरूरत है। 3 मई तक लॉकडाउन है, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि आगे क्या करना है। हालांकि, हिमाचल में तालाबंदी की जरूरत है। तालाबंदी खुलने से लोगों को रोजगार मिलेगा और सरकार भी यहां काम करेगी। यहां टैक्स नहीं बढ़ाया जा रहा है।