India Economy

Pm ने किया देश के जीडीपी का 10 फीसदी आर्थिक पैकेज का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अब तक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की ओर से घोषित किए जा चुके पैकेज को मिलाकर सरकार कुल 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देगी।

savan meena

न्यूज – क्या आपको पता है 20 लाख करोड़ में कितने शून्य होते हैं? अगर नहीं पता तो गिन लीजिए हम आपको थोड़ा समय दे रहे है… दुनिया भर में कोरोना संकटकाल में जिस प्रकार से दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हुई है अब दुनिया उसे वापस उबारना चाहती हैं और अपनी इकोनॉमी को पटरी पर लाने की कोशिश में लगी है, इसी क्रम में मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे देश के लिए एक आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया और यह पैकेज है 20 लाख करोड़ का जो देश की जीडीपी का करीब 10 फ़ीसदी हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अब तक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की ओर से घोषित किए जा चुके पैकेज को मिलाकर सरकार कुल 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देगी। यह देश की जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर का राहत पैकेज है। अब तक अमेरिका अपनी जीडीपी के 13 फीसदी और जापान 21 फीसदी से ज्यादा के पैकेज का एलान कर चुका है।

भारत सरकार की ओर से घोषित इस पैकेज में गरीबों के लिए अनाज उपलब्ध कराने तथा गरीब महिलाओं व बुजुर्गों को नकद मदद देने के लिए घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और रिजर्व बैंक की तरफ से की जा चुकी घोषणाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह आर्थिक  पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

कोरोना का प्रसार धीमा करने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। इस कारण से ज्यादातर आíथक गतिविधियों का पहिया रुका हुआ है। फिलहाल कुछ छूट के साथ लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है, जो 17 मई को पूरा होगा। पीएम ने इसके बाद भी कुछ अतिरिक्त छूट के साथ लॉकडाउन चलते रहने की बात कही है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को मदद पहुंचाई जाए।

हालांकि विदेशों में जिस तरह से लोगों के हाथ में पैसे मिले हैं, वैसा भारत में नहीं होने वाला है। यहां सरकार हाथ में पैसे नहीं देगी। सरकार लेबर, लैंड, लॉ में सुधार करेगी और लिक्विडिटी को सपोर्ट करेगी। वास्तविक पैकेज 13 लाख करोड़ रुपए का है।

पहले तो यह समझिए कि जो पैकेज घोषित हुआ है, वह 20 लाख करोड़ पहले के सभी पैकेज को मिलाकर किया गया है। आरबीआई ने अब तक 5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है। 1.70 लाख करोड़ सरकार ने दिया है। कुल मिलाकर 6.70 लाख करोड़ रुपए तो यही हो गए। अब 20 लाख करोड़ में से 6.70 को हटा दें तो सरकार 13 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोरोना के इस संकट काल में यह पांचवीं बार देश के नाम संबोधन था अब उन्होंने अपने भाषण में क्या-क्या महत्वपूर्ण कहा वह भी बताते हैं आपको पहली बात उन्होंने यह कहीं कि लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा फेज होगा, लेकिन यह पूरी तरह से नए रंग रूप वाला होगा। इसके लिए नए नियम तय किए जाएंगे ताकि बाकी कामों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए लोग दो गज दूरी का भी पालन करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'यह आर्थिक पैकेज हमारे श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों और कुटीर उद्योगों के लिए होगा. पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है. यह पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है, उसे बुलंदी पर पहुंचाने के के लिए है.'

स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से 'लोकल पर वोकल बनने' यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया.

पीएम ने कहा कि देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना है और उन्होंने इसके लिए अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा को महत्वूपर्ण बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता पांच स्तंभों पर आधारित होगी. इसमें उन्होंने -अर्थव्यवस्था की ऊंची छलांग, बेहतर बुनियादी ढांचा, 21वीं सदी का प्रौद्योगिकी आधारित नया शासन तंत्र, गतिशील जनसांख्यकीय और अर्थव्यवस्था की मजबूत मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला का जिक्र किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद सोशल मीडिया यूजर्स को एक नया मुद्दा मिल गया कि आखिर 20 लाख करोड़ में 0 कितने होते है चलिए किसने क्या कहा वह भी हम आपको बताते हैं…

लेखक चेतन भगत ने अपने ट्वीट में लिखा, "20 लाख करोड़ में 13 जीरो होते हैं, केवल आपकी जानकारी के लिए"

बता दें कि इससे पहले भी मशहूर लेखक ने कई ट्वीट किये, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "20 लाख करोड़ का पैकेज यानी 263 बिलियन, जो कि बहुत बड़ी रकम है, जानकारी आनी बाकी है और जरूरी भी है कि यह खर्च कहां होंगे और कैसे खर्च किये जाएंगे, लेकिन एक पैकेज की आवश्यकता थी"

वही फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं तो न केवल देश बल्कि पूरा विश्व सुनता है और प्रेरणा लेता है। 130 करोड़ भारतीय आत्मनिर्भरता की कुंजी लेकर चलेंगे तो क़ामयाबी यक़ीनन हमारे क़दम चूमेगी। वैसे 20,00,000 करोड़ ऐसे दिखते है- अनुपम खैर ने अपने ट्वीट में लिखकर भी बताया, और पूछा कि मेरी गणित ठीक है ना शायद,

अब बात 20 लाख करोड़ की थी तो गलती तो अच्छे-अच्छे से ही हो जाती अब हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ही देखें,   वही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से भी गलती हो गई जिसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट करते हुए उसको सही किया। दरअसल निर्मला सीतारमन ने लिखा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है। जिसमें सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10% (लगभग 20 लाख रु।) प्रतिबद्ध है। उनसे गलती ये हो गई कि 20 लाख करोड़ को केवल 20 लाख लिख दिया। जिसके बाद उन्होंने तुरंत दूसरा ट्वीट कर उसको सुधार दिया।

तो चलिए अब आपने पता लगा लिया होगा कि 20 लाख करोड़ में कितनी जीरो होते है नहीं लगा है तो कोई बात नहीं हम आपको बता देते है 20 लाख करोड़ में होते हैं 13 जीरो…जी हां… 2 के आगे तेरह बार जीरो लगाएंगे तो ये बन जाएंगे 20 लाख करोड़…

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