UP Election 2022 : बीजेपी का नया दांव, चुनावी रण में तैनात की महिला नेताओं की फ़ौज

 

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विधानसभा चुनाव 2022

UP Election 2022 : बीजेपी का नया दांव, चुनावी रण में तैनात की महिला नेताओं की फ़ौज

उत्तर प्रदेश में जारी चुनावी जंग में सभी पार्टियां अलग अलग रणनीतियों से अपने मत साधने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, बीजेपी विभिन्न सामाजिक समुदायों से संपर्क बनाने के साथ - साथ महिलाओं से अलग संवाद बनाए हुए है। महिलाओं मतदाताओं को साधने को बीजेपी ने महिला जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के क्या मायने हैं, आइए जानते है।

Ishika Jain

उत्तर प्रदेश में जारी चुनावी जंग में सभी पार्टियां अलग अलग रणनीतियों से अपने मत साधने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, बीजेपी विभिन्न सामाजिक समुदायों से संपर्क बनाने के साथ - साथ महिलाओं से अलग संवाद बनाए हुए है। बता दें कि, चुनाव में अपनी जीत के लिए बीजेपी ने अपनी प्रमुख महिला नेताओं के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस अभियान में लामबंद किया है।

बीजेपी ने उतारी महिला नेताओं की फौज
भारतीय जनता पार्टी के इस अभियान में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान समेत करीब एक दर्जन राज्यों की प्रमुख महिला नेता शामिल हैं। पार्टी का महिला जनसंपर्क अभियान ज्यादातर शहरी इलाकों में चल रहा है। भाजपा ने इस बार यूपी के चुनाव प्रबंधन में सात सह चुनाव प्रभारी तैनात किए हैं। इनमें तीन महिला नेता भी शामिल हैं। पहली बार किसी राज्य के चुनाव प्रबंधन में इतनी महिला नेताओं को मोर्चे पर उतारा गया है। इनमें केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी के साथ पार्टी नेता सरोज पांडे भी शामिल हैं। ये सभी नेता पिछले दो महीने से लगातार बातचीत और संपर्क में लगे हुए हैं। ये नेता अब पूरी तरह से महिलाओं के साथ जनसंपर्क, संवाद और बैठकें कर रहे हैं।

बीजेपी ने उतारी महिला नेताओं की फौज

महिला जनसंपर्क अभियान से हैं पार्टी को बड़ी उम्मीद

महिला नेताओं के मोर्चे में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे लखनऊ और आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं। वह अब तक महिलाओं के बीच सैकड़ों कार्यक्रम भी कर चुकी हैं। दरअसल, बीजेपी का प्रयास विभिन्न सामाजिक वर्गों को अपने साथ जोड़ने का तो है ही, साथ ही पार्टी जाति और धर्म के अलावा देश की आधी आबादी की जरूरतों और समस्याओं को दूर कर उन्हें अपने साथ खड़ा करने का प्रयास भी कर रही है। पार्टी को इस महिला जनसंपर्क अभियान से काफी सफलता भी मिली है। अब पार्टी को उम्मीद है कि, इस चुनाव में बड़ी संख्या में महिला मतदाता उनके साथ आएंगे, भले ही उनके परिवार के अन्य सदस्य किसी अलग पार्टी और उम्मीदवार को वोट दें।

महिला जनसंपर्क अभियान

अभियान की सफलता मतलब पार्टी का फायदा

गौरतलब है कि, उत्तराखंड में बीजेपी ने महिला नेता लॉकेट चटर्जी को सह-प्रभारी के तौर पर मोर्चे पर रखा था। हाल के चुनावी आंकड़ों पर नज़र डालें तो, उत्तराखंड में महिलाओं के मतदान में करीब पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अगर उत्तर प्रदेश में भी महिला वोटर ज्यादा निकलते हैं और बीजेपी के इस अभियान पर असर पड़ता है तो पार्टी को काफी फायदा होने की संभावना है।

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