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WHO ने कहा- 2022 की शुरुआत में खत्म हो जाएगी कोरोना महामारी? जानिए क्या हैं वायरल पोस्ट का सच

मैसेज में दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में कोरोना वायरस महामारी के खत्म होने की तारीख बताई है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि महामारी 2022 की शुरुआत तक खत्म हो जाएगी। चीन के हुशांग अस्पताल के निदेशक झांग वेनहोंग ने भी कहा है कि महामारी का अंत दूर नहीं है।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- सोशल मीडिया पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में कोरोना वायरस महामारी के खत्म होने की तारीख बताई है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि महामारी 2022 की शुरुआत तक खत्म हो जाएगी। चीन के हुशांग अस्पताल के निदेशक झांग वेनहोंग ने भी कहा है कि महामारी का अंत दूर नहीं है। वहीं दावा किया जा रहा हैं कि जर्मनी के रिगिबेल और अमेरिका के मर्क ने कोरोना वायरस के प्रभावी इलाज के लिए मोनापिनवीर विकसित किया है। इस कैप्सूल के तीनों फेज के ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं।

क्या सच्चाई है?

वायरल मैसेज में WHO के नाम से किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने WHO की ऑफिशियल वेबसाइट और इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स को खंगालना शुरू किया तो हमें WHO की वेबसाइट या किसी मीडिया रिपोर्ट में WHO की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं मिला, जिसमें WHO ने कहा हो कि 2022 की शुरुआत में महामारी खत्म हो जाएगा। जांच के दौरान हमें WHO के सोशल मीडिया अकाउंट पर हाल ही में दो पोस्ट मिले। पहले पोस्ट में WHO ने साफ तौर पर कहा है कि अगर हर जगह कोविड-19 के टीके उपलब्ध नहीं हैं तो यह महामारी कहीं नहीं जा रही है।

WHO ने क्या कहा?

एक अन्य पोस्ट में, हमें WHO के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइक रयान का एक वीडियो मिला। पोस्ट में मिले वीडियो में डॉ माइक रयान ने कहा कि इस समय हमारा सबसे बड़ा दुश्मन कोरोना की मौजूदा स्थिति से खुश या संतुष्ट रहना है। हमें यह समझना होगा कि कोरोना वायरस अभी भी हमारे बीच मौजूद है और इससे लड़ने के लिए हमें जागरूक होने और निरंतर प्रयास करने की जरूरत है।

कोरोना कैप्सूल की सच्चाई

वायरल मैसेज में मोनापिनवीर कैप्सूल के कोरोना से लड़ने के दावे को जानने के लिए हमने गूगल पर इससे जुड़े कीवर्ड्स सर्च किए। जिससे पता चला कि इस कैप्सूल का नाम मोलनुपिराविर है मोनापिनवीर नहीं। वहीं, इससे जुड़ी पूरी खबर हमें फोर्ब्स की वेबसाइट पर मिली।

वेबसाइट के मुताबिक, मोलनुपिराविर को कोरोना के इलाज के लिए एक दवा (कैप्सूल) के रूप में विकसित किया गया है। इस दवा को रिजबैक बायोथेराप्यूटिक्स एलपी और मर्क एंड कंपनी ने विकसित किया है। इन्फ्लूएंजा, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के बाद अब यह दवा भी कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर होगी। साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में 2022 की शुरुआत में कोरोना वायरस महामारी के खत्म होने का दावा झूठा है।

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